कर्मचारी को आपराधिक मामले में समान साक्ष्य के आधार पर बरी कर दिया गया हो तो अनुशासनात्मक कार्रवाई बरकरार नहीं रखी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आपराधिक कार्यवाही और अनुशासनात्मक कार्यवाही में आरोप, साक्ष्य, गवाह और परिस्थितियां समान या काफी हद तक समान हों और जब किसी आरोपी को आपराधिक कार्यवाही में सभी आरोपों से बरी कर दिया जाता है तो अनुशासनात्मक कार्यवाही में निष्कर्षों को बरकरार रखना "अन्यायपूर्ण, अनुचित और दमनकारी" होगा। न्यायालय ने कहा, "जबकि आपराधिक मामले में बरी होने से अभियुक्त को अनुशासनात्मक कार्यवाही के बाद सार्वजनिक सेवा से उसकी बर्खास्तगी को रद्द करने का आदेश स्वतः प्राप्त करने का अधिकार नहीं मिल जाता है, यह अच्छी तरह से स्थापित है कि जब विभागीय जांच और आपराधिक कार्यवाही दोनों में आरोप, साक्ष्य, गवाह और परिस्थितियां समान या काफी हद तक समान होती हैं तो स्थिति एक अलग संदर्भ ग्रहण करती है। ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक कार्यवाही में निष्कर्षों को बरकरार रखना अन्यायपूर्ण, अनुचित और दमनकारी होगा। यह स्थिति जी.एम. टैंक (सुप्रा) के निर्णय द्वारा...
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इलाहाबाद HC ने अस्थायी कर्मचारी की बर्खास्तगी रद की, कहा- सुनवाई के बिना सेवा समाप्ति प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अस्थायी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच के लिए कोई नियम नहीं हैं। फिर भी बिना सुनवाई का मौका दिए एफआईआर के आधार पर सेवा समाप्ति अवैध है। कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को रद कर दिया और विभाग को कानूनी आदेश पारित करने की अनुमति दी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश कुमार सिंह चौहान की एकलपीठ ने दिया। एफआइआर दर्ज होने पर अस्थाई कर्मचारी की बर्खास्तगी का आदेश रद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अस्थाई कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच की कोई नियमावली नहीं है। ऐसे में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के तहत बिना सुनवाई का मौका दिए एफआइआर दर्ज होने के आधार पर की गई सेवा समाप्ति अवैध व मनमानापूर्ण है। कोर्ट ने याची की बर्खास्तगी आदेश 14 फरवरी 2025 को रद करके विभाग को विधि सम्मत आदेश पारित करने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश कुमार सिंह चौहान की एकलपीठ ने जयंत कुमार सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने की ये टिप्पणी याची का कहना थ...
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मेरे घर में झाड़ू-पोंछे का काम करती थी सुगनी.पति की मृत्यु हो गई थी.घर में उसका बेटा था-उम्र यही कोई पन्द्रह साल.बेहद गरीबी में बड़ी मुश्किल से वह अपना और अपने बेटे का पेट भर पाती थी. इसी बीच मेरे पति का स्थानान्तरण,दक्षिण में केरल के तिरुवंतपुरम् में हो गया था. मैं भी अपने पति के साथ वहीं चली गई.दस साल बाद जब मेरे पति रिटायर हुए,तब हम लोग वापिस अपने पुराने शहर,पुराने घर में आ गये. पुरानी स्मृतियाँ सजीव हो उठी.उसमें सुगनी की स्मृति भी थी.मैं छत पर चली गई,क्योंकि वहाँ से, जिस बस्ती में सुगनी रहती थी,उसकी झोपड़ी पूरी तरह से दिखाई पड़ती थी, पर मैं तो आश्चर्य चकित रह गई,वहाँ पर उसकी झोपड़ी की जगह,एक नया,एक मंजिला मकान बना हुआ था.और मकान के आँगन में एक चमचमाती हुई मोटर साइकल खड़ी थी. मैं अपनी उत्सुकता रोक नहीं पायी,और पहुँच गयी सुगनी के घर.दरवाजा सुगुनी ने ही खोला और मुझे झट् पहचान लिया.मेरे चरण-स्पर्श करते हुए बोली-"अरे मैडम जी आप!! आज इतने सालों बाद?" मैंने उसे अपने पति के रिटायरमेंट के बारे में बताया...
मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ...', DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात
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मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ...', DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात किसी भी इंसान का असल जीवन पढ़ाई के बाद ही शुरू होता है। जब वह हाथ में अपनी डिग्रियां लिए कंपनियों के पास नौकरी के लिए जाता है, तब उसे पता चलता है कि जिस चीज के लिए उसने जी तोड़ मेहनत कर पढ़ाई की वह अब बस एक मात्र कागज का टुकड़ा रह गया है। घर में माता-पिता से लेकर स्कूल-कॉलेज के टीचर तक, सभी लोग हमें बचपन से ही यह कहते आए हैं कि मन लगाकर पढ़ो, मार्क्स आएंगे तो ही अच्छी जगह नौकरी लगेगी। लेकिन जब बच्चा कॉलेज से पास आउट होकर जॉब के लिए बाहर जाता है तब उसे इस बात का एहसास होता है कि उसका रिजल्ट महज एक कागज का टुकड़ा है। उसका जॉब मार्केट से कोई लेना-देना नहीं है। ये बस आपको एक क्वालीफाइंग कैंडिडेट बनाता है। 50 से ज्यादा सर्टिफिकेट, 10 मेडल और ट्रॉफिज़, फिर भी नहीं मिल पाई एक इंटर्नशिप कुछ ऐसे ही अनुभवों का सामना दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के हंसराज कॉलेज में पढ़ने वाली बिस्मा फरीद को करना पड़ा। बिस्मा हंसराज कॉलेज में B.A इंग्लिश ऑनर्स की फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं...
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9-9 घंटे जॉब, फाइलों की टेंशन...फिर भी बिना कोचिंग आईएएस बन गईं दमनप्रीत, बोलीं - 'UPSC टफ है लेकिन...' पंजाब की बेटी और बिजनौर में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर पोस्टेड दमनप्रीत अरोड़ा ने फुल टाइम जॉब की. जॉब के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. हिम्मत नहीं हारी और अब तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 103वीं रैंक हासिल की है. दमनप्रीत के संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरणादायी है... 'UPSC बहुत टफ है लेकिन' दिन में जॉब और एक जिद, IAS अफसर बन गईं दमनप्रीत अरोड़ा बिजनौर के जिला पंचायत राज अधिकारी पर पोस्टेड दमनप्रीत अरोड़ा ने यूपीएससी परीक्षा में 103वीं रैंक हासिल की है.... हाइलाइट्स दमनप्रीत अरोड़ा ने UPSC में 103वीं रैंक हासिल की. बिजनौर में डीपीआरओ पद पर पोस्टेड हैं दमनप्रीत. तीसरे प्रयास में UPSC परीक्षा में सफलता पाई. बिजनौर. उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) के पद पोस्टेड दमनप्रीत अरोड़ा ने संघ लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित परीक्षा में 103वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है. सिलेक्शन की जानकारी मिलते ही जिला मुख्यालय के विकास...
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शिक्षक पिता के होनहार बेटे ने सेल्फ स्टडी के बदौलत JEE Mains में लहराया परचम, अब AI में बनाना चाहते हैं करियर! जेईई मेंस की परीक्षा पास करने वाले आयुष सिंह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में तैयारी करना चाहते हैं क्योंकि उनका कहना है कि आने वाले भविष्य में AI हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करेगा. हाइलाइट्स आयुष सिंह ने जेईई मेंस में 99.58 पर्सेंटाइल हासिल किया. आयुष का सपना AI में मास्टर डिग्री करना है. आयुष के परिवार ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अगर बचपन का जुनून, जवानी में हकीकत बन जाए, तो इससे बड़ी खुशी की बात और कोई नहीं हो सकती. यूपी के रायबरेली जिले के बछरावां कस्बे के चंद्रिका नगर मोहल्ले के रहने वाले आयुष सिंह ने अपनी साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति इसी गहरी रुचि को पूरा कर दिखाया. आयुष ने सेल्फ स्टडी की बदौलत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से आयोजित जेईई मेंस 2025 में 99.58 पर्सेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक 6614 और ओबीसी कैटेगरी में 1384 रैंक हासिल की. इस सफलता के बाद आयुष के माता-पिता और परिवार वाले बेहद खुश हैं. प्रयागराज से रायबरेली त...
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कोरिंग विषय
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विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कोरिंग विषय विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कोरिंग विषयों में कुछ सामान्य विषयों में गणित, अग्रेजी, सामान्य ज्ञान, तर्क और भाषा शामिल हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कोरिंग विषय: गणित: गणित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में एक महत्वपूर्ण विषय है, और इसमें अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति और सांख्यिकी जैसे विभिन्न विषय शामिल हैं। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में गणित के प्रश्नों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, इसलिए इस विषय में मजबूत पकड़ होना महत्वपूर्ण है। अंग्रेजी: अंग्रेजी भी एक महत्वपूर्ण विषय है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कोर करने में मदद करता है। इसमें व्याकरण, वाक्यों की संरचना, अंग्रेजी का प्रयोग और शब्दावली जैसे विभिन्न पहलू शामिल हैं। सामान्य ज्ञान: सामान्य ज्ञान भी एक महत्वपूर्ण विषय है जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में स्कोर करने में मदद करता है। इसमें भारत और विश्व के इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था और विज्ञान जैसे विभिन्न विषय शामिल ह...
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें
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विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें? विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए, एक प्रभावी रणनीति का पालन करना आवश्यक है। इसमें परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न का अध्ययन करना, नियमित रूप से अध्ययन करना, अभ्यास करना, और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना शामिल है। 1. परीक्षा की जानकारी प्राप्त करें: सिलेबस और पैटर्न: परीक्षा के सिलेबस और परीक्षा पैटर्न का अच्छी तरह से अध्ययन करें। यह आपको यह समझने में मदद करेगा कि परीक्षा में क्या पूछा जाएगा और किस तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। अंकन योजना: परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न के लिए अंकन योजना को समझें। यह आपको समय का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद करेगा। परीक्षा की अवधि: परीक्षा की अवधि को ध्यान में रखें और उसी के अनुसार समय का नियोजन करें। 2. अध्ययन सामग्री का चयन करें: सही किताबें: परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न के अनुसार, अच्छी गुणवत्ता वाली किताबें चुनें। Jain International Residential School के अनुसार, किताबें प्राथमिक अध्ययन संसाधन हैं। अतिरिक्त सामग्री: यदि आवश्यक हो, तो नोट्स, ऑनलाइन संसाधनों, और कोचिंग कक्षाओं का उपयोग करें। 3. अध...
उत्तर प्रदेश के बारे में आप कितना जानते हैं? आओ अपने ज्ञान की परीक्षा करें।
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उत्तर प्रदेश के बारे में आप कितना जानते हैं? आओ अपने ज्ञान की परीक्षा करें। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की भर्ती परीक्षा कुछ ही दिनों बाद होने वाली है। इसके साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाखाें युवा दिन-रात एक कर रहे हैं।ज्यादा से ज्यादा किताबें, ऑनलाइन माॅक टेस्ट, स्पीड टेस्ट का भी सहारा ले रहे होंगे। इस परीक्षा का एक अहम हिस्सा सामान्य ज्ञान से जुड़ा होता है। इसलिए हम आज उत्तर प्रदेश से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आपको प्रश्न-उत्तर के फॉर्मेट में बता रहे हैं। ये 50 सवाल आपको हर परीक्षा में मदद करेंगे। इन प्रश्न-उत्तरों को अपने नोटबुक मेें भी शामिल कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उत्तर प्रदेश के बारे में... प्रश्न 1. 21 फरवरी को आरम्भ हुई किशोरियों के लिए नई योजना क्या है? उत्तर: स्कीम फॉर एडोलेसेंट गर्ल्स (SAG) प्रश्न 2. भारतेंदु नाट्य अकादमी कहां है? उत्तर: लखनऊ प्रश्न 3. राष्ट्रीय कृषि वाणिकी संस्थान कहां स्थित है? उत्तर: झांसी प्रश्न 4. भारतीय कला भवन कहां बनाया गया है? उत्तर: वाराणसी प्रश्न 5. राज्य में...
टाल्सटाय की प्रसिद्ध कहानी है कि एक आदमी के घर एक संन्यासी मेहमान हुआ—एक परिव्राजक।
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टाल्सटाय की प्रसिद्ध कहानी है कि एक आदमी के घर एक संन्यासी मेहमान हुआ—एक परिव्राजक। रात गपशप होने लगी, उस परिव्राजक ने कहा कि तुम यहां क्या ये छोटी—मोटी खेती में लगे हो! साइबेरिया में मैं यात्रा पर था तो वहां जमीन इतनी सस्ती है—मुफ्त ही मिलती है। तुम यह जमीन छोड़—छाड़ कर, बेच—बाच कर साइबेरिया चले जाओ। वहां हजारों एकड़ जमीन मिल जाएगी इतनी जमीन में। वहां करो फसलें; और बड़ी उपयोगी जमीन है। और लोग वहां के इतने सीधे—सादे हैं कि करीब—करीब मुफ्त ही जमीन दे देते हैं। उस आदमी को वासना जगी। उसने दूसरे दिन ही सब बेच—बाच कर साइबेरिया की राह पकड़ी। जब पहुंचा तो उसे बात सच्ची मालूम पड़ी। उसने पूछा कि मैं जमीन खरीदना चाहता हूं। तो उन्होंने कहा, जमीन खरीदने का तुम जितना पैसा लाए हो, रख दो; और जमीन का हमारे पास यही उपाय है बेचने का कि कल सुबह सूरज के ऊगते तुम निकल पड़ना और सांझ सूरज के डूबते तक जितनी जमीन तुम घेर सको घेर लेना। बस चलते जाना...जितनी जमीन तुम घेर लो। सांझ सूरज के डूबते—डूबते उसी जगह पर लौट आना जहां से चले थे—बस यह शर्त है। जितनी जमीन तुम चल लोगे, उतनी जमीन तुम्हारी हो जाएगी। रात...
कौशल-आधारित शिक्षा के लिए NEP 2020 का विज़न
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कौशल-आधारित शिक्षा के लिए NEP 2020 का विज़न राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कौशल विकास योजना लागू करने में कई समस्याएं हैं, जिनमें से प्रमुख हैं: शिक्षकों की कमी, पर्याप्त बुनियादी ढाँचे का अभाव, और पाठ्यक्रम के संरेखण की कमी। इसके अलावा, शिक्षा के सभी स्तरों में कौशल विकास को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक रणनीति की कमी भी एक चुनौती है। शिक्षकों की कमी: कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी एक प्रमुख समस्या है। स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में, कौशल विकास विषयों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं है। पर्याप्त बुनियादी ढाँचे का अभाव: कौशल विकास को लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे की कमी भी एक चुनौती है। कई स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में कौशल विकास के लिए आवश्यक उपकरण, प्रयोगशालाएँ और अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। पाठ्यक्रम का संरेखण: विभिन्न स्तरों पर कौशल विकास पाठ्यक्रम के संरेखण की कमी भी एक समस्या है। उदाहरण के लिए, स्कूली शिक्षा में कौशल विकास पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा में दिए जाने वाले कौशल विकास पाठ्यक्रम से अलग हो सकते हैं। व्यापक...
प्रेरणादायक जीवन की कहानी- सैलरी थी सिक्योरिटी गार्ड के बराबर- नौकरी छोड़ लगाया दिमाग- आज ऐसे खड़ी कर दी 10 करोड़ की कंपनी
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प्रेरणादायक जीवन की कहानी- सैलरी थी सिक्योरिटी गार्ड के बराबर- नौकरी छोड़ लगाया दिमाग- आज ऐसे खड़ी कर दी 10 करोड़ की कंपनी बिहार के अजय राय ने डिजिटल मार्केटिंग में सफलता हासिल की है। बक्सर के रहने वाले अजय ने रिसर्च में महारत हासिल की। अजय की कंपनी कई देशों में फैली है। उन्होंने 15,000 रुपये की नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू किया। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा है। कहानी विस्तार से बिहार के बक्सर जिले के अजय राय ने डिजिटल मार्केटिंग में सफलता हासिल की है। उन्होंने साबित किया है कि बिहार के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अजय ने रिसर्च डेवलपमेंट में महारत हासिल की। अब वह युवाओं को नौकरी दे रहे हैं। उनकी कंपनी कई देशों में फैली हुई है। अजय ने 2017 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद कुछ समय तक नौकरी की। सैलरी इतनी कम थी कि उन्होंने बाद में अपना व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इस फैसले से उनके पिता नाराज भी थे। लेकिन, आज अजय अपनी सफलता से पूरे परिवार को गौरवान्वित कर रहे हैं। अजय राय बक्सर जिले के अरेला गांव के रहने वाले हैं। उनके पि...
कहानी प्रेरणादायक प्रांजलि अवस्थी एक 16 साल की भारतीय मूल की उद्यमी कंपनी की फाउंडर और CEO, वैल्यूएशन दो साल में 12 मिलियन डॉलर (लगभग 100 करोड़ रुपये)
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कहानी प्रेरणादायक प्रांजलि अवस्थी एक 16 साल की भारतीय मूल की उद्यमी कंपनी की फाउंडर और CEO, वैल्यूएशन दो साल में 12 मिलियन डॉलर (लगभग 100 करोड़ रुपये) प्रांजलि अवस्थी एक 16 साल की भारतीय मूल की उद्यमी हैं। कम उम्र में ही टेक्नोलॉजी और बिजनेस की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। वह Delv.AI नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी की फाउंडर और CEO हैं, जिसकी वैल्यूएशन दो साल में 12 मिलियन डॉलर (लगभग 100 करोड़ रुपये) तक पहुंच चुकी है। प्रांजलि अवस्थी एक 16 साल की भारतीय मूल की उद्यमी हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही टेक्नोलॉजी और बिजनेस की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। वह Delv.AI नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी की फाउंडर और CEO हैं, जिसकी वैल्यूएशन दो साल में 12 मिलियन डॉलर (लगभग 100 करोड़ रुपये) तक पहुंच चुकी है। उनकी कहानी प्रेरणादायक है, खासकर उनकी मेहनत, दूरदर्शिता और कम उम्र में हासिल की गई उपलब्धियों के कारण। प्रांजलि का जन्म और प्रारंभिक जीवन~ प्रांजलि का जन्म भारत में हुआ। उन्होंने महज 7 साल की उम्र में कोडिंग सीखना शुरू किया, जो उनकी तकनीकी रुचि का पहला...
अपने अस्तित्व, अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए...!!
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अपने अस्तित्व, अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए...!! एक आदमी एक मुर्गा खरीद कर लाया। एक दिन वह मुर्गे को मारना चाहता था, इसलिए उस ने मुर्गे को मारने का बहाना सोचा और मुर्गे से कहा, "तुम कल से बाँग नहीं दोगे, नहीं तो मै तुम्हें मार डालूँगा।" मुर्गे ने कहा, "ठीक है, सर, जो भी आप चाहते हैं, वैसा ही होगा !" सुबह , जैसे ही मुर्गे के बाँग का समय हुआ, मालिक ने देखा कि मुर्गा बाँग नहीं दे रहा है, लेकिन हमेशा की तरह, अपने पंख फड़फड़ा रहा है। मालिक ने अगला आदेश जारी किया कि कल से तुम अपने पंख भी नहीं फड़फड़ाओगे, नहीं तो मैं वध कर दूँगा। अगली सुबह, बाँग के समय, मुर्गे ने आज्ञा का पालन करते हुए अपने पंख नहीं फड़फड़ाए, लेकिन आदत से, मजबूर था, अपनी गर्दन को लंबा किया और उसे उठाया। मालिक ने परेशान होकर अगला आदेश जारी कर दिया कि कल से गर्दन भी नहीं हिलनी चाहिए। अगले दिन मुर्गा चुपचाप मुर्गी बनकर सहमा रहा और कुछ नहीं किया। मालिक ने सोचा ये तो बात नहीं बनी, इस बार मालिक ने भी कुछ ऐसा सोचा जो वास्तव में मुर्गे के लिए नामुमकिन था। मालिक ने ...
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उत्तराखंड राज्य ये मालदीव के नजारे नहीं हैं यहाँ आप ऋषिकेश से सिर्फ 1.30 घंटे में पहुंच सकते हैं,ये टिहरी झील के नजारे हैं जो कि इस समय बहुत फेमस टूरिस्ट प्लेस बन गया है ,इन तस्वीरों में फ्लोटिंग हट भी दिख रही हैं जो की झील में तैरते हुए घर हैं,यहां भी लोग नाइट स्टे कर सकते हैं,और यहां बहुत सारी वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी कर सकते हैं, ये जगह #ऋषिकेश से सिर्फ 77 km दूर है शानदार रोड बना हुआ है सिर्फ 1.30 घंटे लगते हैं,टिहरी झील में विभिन्न प्रकार की वाटर स्पोर्ट्स और एक्टिविटीज़ का आनंद लिया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: 1. स्कीइंग और वॉटर स्कीइंग टिहरी झील में स्कीइंग और वॉटर स्कीइंग की सुविधा उपलब्ध है। 2. पैराग्लाइडिंगझील के ऊपर पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया जा सकता है। 3. बोटिंग और टिहरी झील में बोटिंग और याटिंग की सुविधा उपलब्ध है। 4. *फिशिंग झील में मछली पकड़ने का आनंद लिया जा सकता है। 5. कयाकिंग और कैनोइंग टिहरी झील में कयाकिंग और कैनोइंग की सुविधा उपलब्ध है। 6. विंड सर्फिंग झील में विंड सर्फिंग का आनंद लिया जा सकता है। 7. जेट स्कीइंग टिहरी झील में...
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पापा मैं IAS बनकर रहूंगी और बिहार की बेटी ने दो बार UPSC में गाड़ दिया झंडा यूपीएससी सिविल सर्विस जैसी कठिन परीक्षा को एक बार क्रैक करने में कई छात्रों का सालों लग जाते हैं. वहीं, कई कैंडिडेट्स तो बहुत सारे प्रयासों के बाद भी इसे नहीं कर क्रैक कर पाते हैं. ऐसे में एक नाम बिहार की रहने वाली आईएएस प्रिया रानी का सामने आता हैं जिन्होंने UPSC परीक्षा दो बार क्रैक कर ली. बिहार में यंग आईएएस ऑफिसर की नई पोस्टिंग की लिस्ट जारी हुई है. इस लिस्ट में एक नाम बिहार की रहने वाली आईएएस प्रिया रानी का भी है. प्रिया रानी के आईएएस बनने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. पिता से वादा करने वाली प्रिया रानी से यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा दो बार क्रैक की है. आइए बिहार की इस बेटी की कहानी को और करीब से जानते हैं. कौन है आईएएस प्रिया रानी? प्रिया रानी मूलरूप से बिहार के बिहार के फुलवारी शरीफ के कुरकुरी गांव की रहने वाली हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई होम टाउन से ही हुई है. शुरू से पढ़ाई में अव्वल प्रिया रानी ने स्कूलिंग खत्म होने के बाद इंजीनियरिंग करने का मन बनाया. इसके लिए उन्होंने रांची का रुख किया. इंजीनि...
कोर्ट में झूठी गवाही देने वाले को मिलती है सजा
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कोर्ट में झूठी गवाही देने वाले को मिलती है सजा दबाव या लालच में दी गई झूठी गवाही एक गंभीर अपराध है और इसके लिए सजा मिल सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी को झूठी गवाही देने के लिए धमकाता है, तो उसे भी सजा मिल सकती है। झूठी गवाही देने के लिए सजा: आईपीसी धारा 193: किसी न्यायिक कार्यवाही में जानबूझकर झूठी गवाही देना या ऐसा साक्ष्य तैयार करना जो गलत हो, दंडनीय है। सजा में 7 साल तक की कैद और जुर्माना शामिल हो सकता है। आईपीसी धारा 195A: किसी व्यक्ति को झूठी गवाही देने के लिए धमकाना भी दंडनीय है। सजा में 7 साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। झूठी गवाही के प्रभाव: 1- झूठी गवाही से निर्दोष व्यक्ति को सजा हो सकती है या दोषी व्यक्ति को सजा से मुक्ति मिल सकती है। 2- यह न्याय प्रणाली को कमजोर करता है और लोगों का विश्वास खो सकता है। उदाहरण: 1- अगर कोई गवाह अदालत में शपथ लेकर झूठी गवाही देता है, तो उसे आईपीसी धारा 193 के तहत सजा मिल सकती है। 2- अगर कोई व्यक्ति किसी को झूठी गवाही देने के लिए धमकाता है, तो उसे आईपीसी धारा 195A के तहत सजा मिल सकती है। निष्कर्ष: झूठी गवा...