प्रेरणादायक जीवन की कहानी- सैलरी थी सिक्योरिटी गार्ड के बराबर- नौकरी छोड़ लगाया दिमाग- आज ऐसे खड़ी कर दी 10 करोड़ की कंपनी
प्रेरणादायक जीवन की कहानी-
सैलरी थी सिक्योरिटी गार्ड के बराबर-
नौकरी छोड़ लगाया दिमाग-
आज ऐसे खड़ी कर दी 10 करोड़ की कंपनी
बिहार के अजय राय ने डिजिटल मार्केटिंग में सफलता हासिल की है। बक्सर के रहने वाले अजय ने रिसर्च में महारत हासिल की। अजय की कंपनी कई देशों में फैली है। उन्होंने 15,000 रुपये की नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू किया। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा है।
कहानी विस्तार से
बिहार के बक्सर जिले के अजय राय ने डिजिटल मार्केटिंग में सफलता हासिल की है। उन्होंने साबित किया है कि बिहार के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अजय ने रिसर्च डेवलपमेंट में महारत हासिल की। अब वह युवाओं को नौकरी दे रहे हैं। उनकी कंपनी कई देशों में फैली हुई है। अजय ने 2017 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद कुछ समय तक नौकरी की। सैलरी इतनी कम थी कि उन्होंने बाद में अपना व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इस फैसले से उनके पिता नाराज भी थे। लेकिन, आज अजय अपनी सफलता से पूरे परिवार को गौरवान्वित कर रहे हैं।
अजय राय बक्सर जिले के अरेला गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता व्यास देव राय दिल्ली में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। अजय की शुरुआती शिक्षा दिल्ली में ही हुई। उन्होंने 2013 में बोर्ड की परीक्षा पास की। फिर पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से 2017 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की। डिग्री हासिल करने के बाद अजय राय को एक कंपनी में 15,000 रुपये की नौकरी मिली। उन्होंने लगभग 2 साल तक नौकरी की। लेकिन, उन्हें लगा कि वह नौकरी उनके लिए सही नहीं है। वह कुछ अलग करना चाहते थे। कम सैलरी से भी वह बहुत असंतुष्ट थे।
पिता बहुत हुए नाराज
अजय राय ने जब नौकरी छोड़ने का फैसला लिया तो उनके पिता व्यास देव राय बहुत नाराज हुए। उन्होंने 6 महीने तक अजय से बात नहीं की। परिवार के अन्य सदस्य भी अजय के इस फैसले से खुश नहीं थे। उन्हें डर था कि कहीं अजय का फैसला गलत न हो जाए। पिता की इस नाराजगी का कारण यह था कि वह मध्यम वर्गीय परिवार से थे। बहुत मेहनत से बच्चों को पढ़ाया लिखाया था। उन्हें लगा कि नौकरी छोड़ने के बाद अजय कुछ नहीं कर पाएंगे।
2020 में शुरू की अपनी कंपनी
2020 में अजय राय ने अपनी कंपनी UPcoach शुरू की। कंपनी बनाने के बाद उन्होंने बहुत मेहनत की। अजय ने विदेश के क्लाइंट से संपर्क साधना शुरू किया। पहले अजय बाइक से ड्यूटी जाते थे, लेकिन बाद में बस से जाना शुरू किया। बस में जो समय मिलता था, उस दौरान वह अपना काम करते थे। इस तरह वह हर दिन 3 घंटे का समय काम के लिए निकाल लेते थे। अजय राय ऑफिस में अपने सीनियर के पास बैठते थे और रिसर्च डेवलपमेंट का काम सीखते थे। बस यात्रा के दौरान वह फोन, मैसेज और सोशल मीडिया पर क्लाइंट को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे। धीरे-धीरे उन्हें काम मिलना शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने दुबई और कोलंबिया में ऑफिस खोले।
अब करोड़ों का कारोबार
अजय राय ने जिस कॉन्सेप्ट पर काम करना शुरू किया, वह बिल्कुल अलग था। विदेश में बिजनेस कोच का कॉन्सेप्ट बहुत लोकप्रिय है। कोच के जरिए लोग अपनी समस्याओं का समाधान करते हैं। अगर आपके साथ पारिवारिक समस्या है तो उसका समाधान भी कोच करेंगे। अगर शादी करनी है तो उसके लिए भी कोच उपलब्ध हैं। अगर बिजनेस करना है तो आप कोच से संपर्क कर सकते हैं। अजय ने कोच के लिए ब्रांडिंग का काम शुरू किया। आज की तारीख में 15-16 देशों में अजय राय की कंपनी के क्लाइंट हैं। अजय राय की एक और कंपनी है जिसका नाम ट्रैफिक एक्सपर्ट एलसीसी है। इस कंपनी का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। यह कंपनी गूगल ट्रैफिक मामलों को देखती है। इस कंपनी में अजय राय के साथ एक और सहयोगी हैं जो पार्टनरशिप में काम करते हैं। अजय राय ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 50 से अधिक लोगों को रोजगार दे रखा है। अजय राय की कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है।
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