शिक्षक पिता के होनहार बेटे ने सेल्फ स्टडी के बदौलत JEE Mains में लहराया परचम, 

अब AI में बनाना चाहते हैं करियर!


जेईई मेंस की परीक्षा पास करने वाले आयुष सिंह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में तैयारी करना चाहते हैं क्योंकि उनका कहना है कि आने वाले भविष्य में AI हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करेगा. 


हाइलाइट्स

आयुष सिंह ने जेईई मेंस में 99.58 पर्सेंटाइल हासिल किया.

आयुष का सपना AI में मास्टर डिग्री करना है.

आयुष के परिवार ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


अगर बचपन का जुनून, जवानी में हकीकत बन जाए, तो इससे बड़ी खुशी की बात और कोई नहीं हो सकती. यूपी के रायबरेली जिले के बछरावां कस्बे के चंद्रिका नगर मोहल्ले के रहने वाले आयुष सिंह ने अपनी साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति इसी गहरी रुचि को पूरा कर दिखाया. आयुष ने सेल्फ स्टडी की बदौलत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से आयोजित जेईई मेंस 2025 में 99.58 पर्सेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक 6614 और ओबीसी कैटेगरी में 1384 रैंक हासिल की. इस सफलता के बाद आयुष के माता-पिता और परिवार वाले बेहद खुश हैं.


प्रयागराज से रायबरेली तक का सफर

आयुष सिंह असल में प्रयागराज जिले के चक गरिवा गांव के रहने वाले हैं, लेकिन उनके पिता, उदयभान सिंह का 2017 में रायबरेली जिले के गुढ़ा स्थित जनता इंटर कॉलेज में टीजीटी के रूप में चयन हुआ. इसके बाद उनका पूरा परिवार रायबरेली में बस गया. आयुष ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक छोटे से स्कूल से की, फिर 10वीं और 12वीं की पढ़ाई लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित गुरुकुल एकेडमी से की. यहां पर उन्होंने 10वीं में 98.5% और 12वीं में 94.6% अंक हासिल किए. वह हमेशा पढ़ाई में अव्‍वल रहे और बचपन से ही साइंस, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में गहरी रुचि रखते थे.


पढ़ाई में अव्‍वल और परिवार का सपोर्ट

आयुष ने बताया कि बचपन से ही उन्हें साइंस और टेक्नोलॉजी में बहुत रुचि थी. उनके दो चचेरे भाई, सत्यम सिंह, जो एनआईटी दिल्ली से और पीयूष सिंह, जो आईआईटी धनबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, ने भी इस क्षेत्र में उनका मन और भी लगाव बढ़ाया. आयुष का मानना है कि जेईई एग्जाम सिर्फ पढ़ाई का ही नहीं, बल्कि मानसिक ताकत और अनुशासन की भी परीक्षा होती है. वह कहते हैं, “यह एग्जाम मुश्किल हो सकता है, लेकिन इससे गुजरने के बाद आप जिंदगी के लिए और भी मजबूत हो जाते हैं.” इस सफलता का श्रेय आयुष अपने माता-पिता और चचेरे भाइयों को देते हैं. उनके पिता, उदयभान सिंह, गूढ़ा स्थित जनता इंटर कॉलेज में साइंस के टीचर हैं, और उनकी मां, कमला सिंह, एक गृहिणी हैं. दोनों ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया.


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर डिग्री हासिल करना

अब आयुष का अगला सपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में मास्टर डिग्री करना है, क्योंकि उनका मानना है कि आने वाले समय में AI हर जगह हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाएगा. वह इसे भविष्य की सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति मानते हैं और चाहते हैं कि वह इस फील्ड में अपनी पहचान बनाएं.आयुष सिंह की सफलता सिर्फ उनकी मेहनत का नतीजा नहीं है, बल्कि यह उनके परिवार के सपोर्ट और मजबूत इच्छाशक्ति का भी परिणाम है. वह यह साबित कर रहे हैं कि अगर किसी के पास जुनून हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है.


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