प्रबन्ध अंकेक्षण : प्रस्तावना (MANAGEMENT-AUDIT : INTRODUCTION)
प्रबन्ध अंकेक्षण (MANAGEMENT AUDIT] ################################## प्रबन्ध अंकेक्षण : प्रस्तावना (MANAGEMENT-AUDIT : INTRODUCTION). ################################## अब तक अंकेक्षक के अधिकार तथा कर्तव्य प्रमुखतः उसके तथा नियोक्ता के मध्य किये गये लिखित समझौते तक सीमित थे। कम्पनी के सम्बन्ध में ये अधिकार तथा कर्तव्य कम्पनी अधिनियम तथा न्यायालयों के निर्णयों के अनुरूप निर्धारित किये जाते रहे हैं, परन्तु अब नवीन परिप्रेक्ष्य में जो स्थिति दृष्टिगोचर हो रही है, उसके आधार पर यह व्यवस्था बन रही है कि अंकेक्षक व्यवसाय के आन्तरिक संगठन के कार्यकलाप की जांच अधिक गहराई तथा चतुराई से करने की तैयारी के योग्य हो सके। यह सही है कि वह कम्पनी के खातों की जांच करने में यह स्पष्ट करता है कि कम्पनी का चिट्ठा तथा लाभ-हानि खाता कम्पनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप बनाया गया है तथा ये कम्पनी की सही तथा उचित स्थिति को प्रकट करते हैं। वह यह सब परम्परागत पद्धति के आधार पर करता आया है। इस प्रकार वैधानिक अंकेक्षक से यह आशा नहीं की जाती है कि वह प्रबन्ध द्वारा निर्मित नीतियों के परिपालन की जांच करे कि...