करियर काउंसलिंग से पा सकते हैं मनचाहा काम और लक्ष्य बेहतरीन करियर काउंसलिंग ना होने के कारण प्रतिभावान विद्यार्थी भी जिंदगी की दौड़ में पिछड़ जाते हैं. भारत में नहीं मिलता करियर काउंसलर को विशेष महत्व करियर काउंसलिंग के फायदों से अधिकांश अभिभावक और विद्यार्थी है अनजान

 


करियर काउंसलिंग से पा सकते हैं मनचाहा काम और लक्ष्य

बेहतरीन करियर काउंसलिंग ना होने के कारण प्रतिभावान विद्यार्थी भी जिंदगी की दौड़ में पिछड़ जाते हैं.

भारत में नहीं मिलता करियर काउंसलर को विशेष महत्व

करियर काउंसलिंग के फायदों से अधिकांश अभिभावक और विद्यार्थी है अनजान

डॉ प्रवीण कुमार- शिक्षाविद एवं केरियर काउंसलर

व्हाट्सएप नंबर-9760480884



Career Counseling एक ऐसी सर्विस या सेवा है जो किसी व्यक्ति को उसके कैरियर बनाने में मदद करती है। अन्य शब्दों में इसे कभी कभी कैरियर कोचिंग या कैरियर डेवलपमेंट भी कहा जाता है। कैरियर काउन्सलिंग के माध्यम से व्यक्ति अपने कैरियर के लक्ष्यों पर ध्यान केन्द्रित कर सकता है।


पढ़ाई करते समय हर व्यक्ति अपना करियर बनाने के बारे में सोचता है. और इसके लिए काफी प्रयास भी करता है. लेकिन जब वे अपने करियर के बारे में सोचते हैं, तो वे उसका चुनाव करने में काफी कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं. ऐसे में वे करियर काउंसेलर के पास जाते हैं, जोकि उनकी इस कार्य में मदद करते हैं. ऐसा आवश्यक नहीं है कि पढ़ाई करने वाले एक स्टूडेंट को ही करियर काउंसेलर की आवश्यकता होती है बल्कि जो लोग पढ़ाई के बाद किसी काम में जुड़े हुए हैं या अनुभवी होने के बावजूद भी बेरोजगार हैं उन्हें भी करियर काउंसेलर की आवश्यकता होती है. यदि आप इस कार्य में विशेषज्ञ हैं तो आप इस बिज़नेस की शुरुआत करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं इस बिज़नेस की मार्केट में मांग बहुत ज्यादा होती है. आइये इस बिज़नेस के बारे में कुछ बात विस्तार से करते हैं.


करियर काउंसेलर बनने से पहले आपका यह जानना जरुरी है कि आखिर करियर काउंसलिंग क्या होती है. तो हम आपको बता दें कि करियर काउंसलिंग एक तरह की सर्विस होती है, जो लोगों को उनका करियर चुनने में मदद करती है. इसे आप करियर कोचिंग या करियर डेवलपमेंट भी कह सकते हैं. इसके लिए लोग अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ध्यान केंद्रित करते हैं. इस सेवा के साथ वह व्यक्ति जो अपने पसंद के अनुसार करियर के शुरूआती सीढ़ी में हो या फिर कुछ सीढ़ी चढ़ने के बाद दोबारा से शुरुआत करने की सोच रहे हैं शामिल हो सकता है. कुछ वे लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं जो अपने करियर में शुरूआती चरण में हैं और आगे बढने के बारे में निर्णय लेना चाह रहे हैं.



करियर काउंसलिंग बिज़नेस की मांग

आजकल की जनरेशन ऐसी है जोकि अपने करियर को लेकर काफी अधिक कन्फ्यूज्ड रहती हैं और उन्हें काउंसेलर की मदद चाहिये होती हैं. इसलिए इस समय करियर का चुनाव करने में मदद करने वाले करियर काउंसेलर की मांग बाजार में बहुत अधिक है. यू समझ लीजिये कि यह इस समय सबसे ज्यादा मांग वाला बिज़नेस बन चूका है. यदि आप एक बहुत अच्छे सलाहकार हैं, तो इस बिज़नेस को शुरू करके न सिर्फ आप लोगों की मदद करते हैं, साथ ही खुद की अच्छी अर्निंग भी कर सकते हैं.


करियर काउंसलिंग के फायदे

करियर के चयन में चुकी हर व्यक्ति कन्फ्यूज्ड होता है ऐसे में करियर काउंसेलर बहुत ही महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं. पहले के समय में ज्यादा करियर बनाने के विकल्प नहीं हुआ करते थे, किन्तु आधुनिक समय में विभिन्न तरह की फील्ड मौजूद हैं जहाँ पर लोग अपना करियर बना सकते हैं. इसमें लोगों की मदद करियर काउंसलिंग द्वारा ही होती है जिसके अनेकों फायदे हैं जोकि इस प्रकार हैं –


करियर काउंसेलर समयनुसार छात्रों का एप्टीटयूट टेस्ट लेते हैं. जिससे छात्रों को यह पता चलता हैं कि उनकी बैद्धिक क्षमता कितनी है. और वे किस तरह के करियर का चुनाव करने के लिए तैयार हैं. यानि कि छात्र को अपने करियर का आंकलन करने में मदद मिलती है.

पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ लोग ये नहीं समझ पाते कि वे क्या करें. ऐसा इसलिए होता हैं क्योकि करियर का चुनाव करने का यह सही वक्त नहीं होता है. यहां तक कि वे अपने रुचि के अनुसार करियर का चुनाव कर पाने में भी सफल नहीं हो पाते हैं. लेकिन करियर काउन्सलर उनके ज्ञान एवं रुचि की पहचान करवाकर उनके करियर के चुनाव के लिए उन्हें प्रोत्साहित करता है. उनमें एकग्रता लाते हुए उन्हें दृढ़ बनाता है.

करियर काउन्सलर छात्रों के सलाहकार बनकर उनकी मदद एवं उनका मार्ग प्रशस्त करते हैं. करियर काउन्सलर का यह काम होता है कि वह छात्रों को निष्पक्ष होकर एवं उनकी करियर के लिए जो अच्छा है उसका चुनाव करवाएं, क्योकि जरुरी नहीं होता हैं कि डॉक्टर का बेटा या बेटी डॉक्टर ही बने. इसलिए बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार करियर चुनने में मदद करना करियर काउन्सलर का मुख्य काम होता है.


इनकी सहायता से लोग अपने करियर के प्रति स्पष्ट हो पाते हैं. और उनकी सोच स्पष्ट होने के कारण वे विकास की ओर अग्रसर हो सकते हैं. जैसे कि लोगों को लिखने का शौक हैं तो वे लेखन संबंधित क्षेत्र में करियर ढूंढ सकते हैं.

काउंसेलर के पास जाने से लोगों का भावनात्मक सपोर्ट एवं मोटिवेशन बढ़ता है. यदि छात्रों के आगे बढने में कोई कमी रह जाती हैं तो समय रहते इसमें सुधार करने में भी उनकी मदद करता है.

लोगों को अपनी वीकनेस एवं स्ट्रेग्थ के बारे में पहचान करने में भी करियर काउंसेलर मदद करते हैं. इससे उन्हें अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलती है.




करियर काउंसलर की आवश्यकता कब पड़ती है

हमने आपको पहले ही बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद बच्चों के मन में सवाल उठते हैं कि वे क्या करें. किस क्षेत्र में अपना करियर बनायें. ऐसी स्थिति में उन्हें करियर काउंसेलर की मदद की आवश्यकता होती है. इसे निम्न परिस्थिति के अनुसार आप समझ सकते हैं.


जब आप पढ़ाई पूरी करने के बाद कई जगह अपना रिज्यूमे दे देते हैं. लेकिन फिर भी आपके पास कोई भी इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं करता है. तब आप काउंसेलर के पास जा सकते हैं.

जब आप कई समय से एक जॉब कर रहे हैं और उसे छोड़े काफी लंबा समय हो गया हो और आप अब जॉब से कोषों दूर हो गये हो, तो ऐसे में दोबारा से किसी करियर की शुरुआत करने के लिए आपको पहले काउंसेलर की मदद चाहिए होती है.

यदि आप अपने करियर को एक नई दिशा में ले जाकर उसे विकसित करने के बारे में सोच रहे हैं, तो ऐसा करने से पहले भी आपको काउंसेलर की सलाह लेना चाहिये.



बच्चों और विद्यार्थियों के लिए करियर काउंसलिंग क्यों आवश्यक है? Why Career Guidance is important for children and student



करियर काउंसलिंग (छात्र मार्गदर्शन) आज के समय में बहुत उपयोगी हो गई है। 10वीं करते समय बहुत से स्टूडेंट कन्फ्यूज होते हैं। वह समझ नहीं पाते कि भविष्य में किस विषय की पढ़ाई करें। आर्ट्स विषयों से पढ़े या विज्ञान विषयों से।


कॉमर्स विषय से अध्ययन करें या कोई विशेष ट्रेनिंग, डिग्री, डिप्लोमा करें। बहुत बार देखा गया है कि मां बाप अपनी इच्छाओं को बच्चों पर थोपते हैं। वे बच्चों को कुछ और बनाना चाहते हैं जबकि बच्चे कुछ और बनना चाहते है। इन सारी चीजों को लेकर एक भारी कंफ्यूजन की स्थिति बन जाती है।


इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए करियर काउंसलिंग आजकल होने लगी है जिसमें छात्रों की रूचि और योग्यता के अनुसार काउंसलर उन्हें सही कोर्स के बारे में बताता है। यह भी बताता है कि कौन सा कोर्स किस बच्चे के लिए अच्छा होगा




करियर काउंसलिंग का महत्व Importance of Career Counseling 

सही स्ट्रीम चुनने का मौका मिलता है

काउंसलिंग कराने का सबसे अच्छा फायदा है कि बच्चों के लिए कौन सी स्ट्रीम सही है यह पता चलता है। 10वीं, 12वीं स्नातक और परस्नातक में सही कोर्स चुनने का मौका मिलता है। आपके बच्चे को आर्ट्स, साइंस या कामर्स से पढ़ना चाहिए इसकी जानकारी होती है। ध्यान देने वाली बात है कि बच्चों की रुचि के अनुसार ही उनकी पढ़ाई होनी चाहिए।


सही स्ट्रीम का चुनाव होना बहुत आवश्यक है। बहुत से बच्चे गलत स्ट्रीम चुन लेते हैं जो उनकी रुचि से मेल नहीं खाती है। और वह पढ़ाई में अच्छा परफारमेंस नहीं कर पाते हैं। इसका नतीजा होता है कि उनके कम नंबर आते हैं और भविष्य में उन्हें नौकरी पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


अभिभावक बच्चों की रुचि को समझ पाते हैं

कई अभिभावक बच्चों की रुचि को नहीं समझना चाहते हैं। वे अपनी इच्छा अनुसार बच्चे को पढ़ाना चाहते है। कुछ अभिभावक तो बच्चों के जन्म पर ही सोच लेते हैं कि बच्चों को इंजीनियर, डॉक्टर, टीचर, वैज्ञानिक बनाएंगे। यह सोच सही नहीं है।


बच्चों को पढ़ने का अवसर उनकी रूचि के अनुसार मिलना चाहिए। जिस विषय में उनकी रुचि हो वही विषय उन्हें दिलाने चाहिए। काउंसलिंग के दौरान काउंसलर बच्चे से अच्छी तरह पूछते हैं कि किन विषयों में उसकी रूचि है। कुछ टेस्ट करके भी यह पता लगाया जा सकता है कि किस विषय में बच्चे की रूचि है।


बेहतर तरह से भविष्य की तैयारी

करियर काउंसलिंग का सबसे बड़ा फायदा है कि आप बच्चे के बेहतर भविष्य की तैयारी कर सकते हैं। हर अभिभावक का सपना होता है कि उसका बच्चा आगे चलकर बड़ा अफसर, अधिकारी बने। उसे अच्छी नौकरी मिले। वह ढेर सारे पैसे कमाए और उसका जीवन खुशियों से भर जाये। पर यह सब इतना आसान नहीं है।


यदि आपका बच्चा कोई गलत कोर्स कर रहा है जो उसकी योग्यताओं से मेल नहीं खाता है तो वह आगे चलकर अच्छी नौकरी नहीं पा सकेगा। यह बहुत जरूरी है कि बच्चे को उसकी योग्यता के अनुसार पढ़ाई करवाई जाए।


उदाहरण के लिए यदि बच्चे को कंप्यूटर में इंटरेस्ट है तो उसे कंप्यूटर से संबंधित कोर्स जैसे- बीटेक इन कंप्यूटर साइंस, बीसीए (BCA), एमसीए (MCA) करवाया जा सकता है।


बहुत सारे कोर्सेज में से सही कोर्स का चुनाव करना

करियर काउंसलिंग का सबसे अच्छा फायदा यह है कि यह आपको दुविधा और कंफ्यूजन से बचाता है। आजकल एमबीए, होटल, मैनेजमेंट, बीटेक, मेडिकल, बी ऐड, डीएलएड, आईटीआई, पॉलिटेक्निक जैसे सैकड़ों कोर्स उपलब्ध है। पर इन में से सही का चुनाव करना कठिन है। इसलिए काउंसलर की मदद ली जाती है।


गला काट कंपटीशन का आसानी से सामना करना

यह बात तो आप भी जानते होंगे कि आज देश में नौकरियां कम निकलती हैं परंतु आवेदन करने वाले लाखों-करोड़ों की संख्या में होते हैं। आजकल देश में गला काट कंपटीशन हो गया है। ऐसे में सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं होता। किसी भी छोटी नौकरी के लिए स्नातक से लेकर बी टेक जैसे उच्च शिक्षाधारी अभ्यर्थी भी आवेदन करते हैं।


ऐसे में कंपटीशन बहुत बढ़ जाता है। यदि आपका बच्चा सही स्ट्रीम कोर्स का चुनाव करता है तो वह कंपटीशन आसानी से निकाल लेगा। पर यह तभी संभव है जब उसे उसकी रुचि के अनुसार पढ़ने का मौका मिले।


मार्केट ट्रेंड की जानकारी 

काउंसलिंग का बड़ा फायदा यह भी है कि इससे मार्केट ट्रेंड की जानकारी मिलती है। कई स्टूडेंट ऐसे कोर्स कर लेते हैं जिसे करने के बाद भी कोई नौकरी नहीं मिलती। स्टूडेंट इधर उधर भटकते रहते हैं।


अपने पैसे भी वो खर्च कर देते हैं। उसके बावजूद भी कोई फायदा नहीं होता। काउंसलर आपके बच्चे को ऐसा कोर्स करने की सलाह देते हैं जिसे करने पर फायदा हो। वे उस कोर्स को करने से मना करते हैं जिसे करने से कोई लाभ नहीं है।


मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान

करियर काउंसलिंग का एक बड़ा फायदा यह है कि बच्चों और छात्रों की मनोवैज्ञानिक संबंधी समस्याओं का समाधान होता है। पढ़ाई करते वक्त बच्चे कई बार मनोवैज्ञानिक समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं। आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों में बच्चे तनाव, अवसाद और डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर लेते हैं।


काउंसलिंग के दौरान बच्चों को इस तरह की समस्याओं का सामना करने की विधि बताई जाती है। उन्हें सही तरह से गाइडेंस दिया जाता है।


स्टूडेंट्स की सभी समस्याओं का समाधान

बहुत से बच्चे पढ़ाई करते हुए शराब, नशीले पदार्थों का सेवन, प्यार, यौन शोषण जैसी समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं। करियर काउंसलिंग के दौरान काउंसलर बच्चों से हर तरह की समस्याओं पर खुल के बात करते हैं और समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं।


बच्चों की छिपी प्रतिभा को निखारने में मदद मिलती है

हर बच्चे के अंदर कुछ योग्यताएं होती हैं। पर कई बार वे छिपी हुई होती हैं। करियर काउंसलिंग के द्वारा बच्चे के अंदर छिपी हुई योग्यताओं को निखारने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए बहुत से बच्चे बड़े होकर प्रशासनिक अधिकारी (सिविल सर्विसेज) बनना चाहते हैं, पर शुरू में उन्हें स्पष्ट रूप से कुछ समझ नहीं आता है। काउंसलिंग के द्वारा उनकी छिपी योग्यताओं का पता चलता है।


करियर काउंसिलिंग से पा सकते हैं मनचाहा मुकाम


छात्रों को अगर करियर में कोई कंफ्यूजन हो तो वह अपने लक्ष्य को नहीं पा सकते हैं, लेकिन अगर छात्र को अच्छे करियर काउंलसर की ममद मिल जाती है तो वह अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं। छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग कितना जरूरी, और अपने आप को कैसे पहचान सकते हैं। इस विषय पर विस्तार से चर्चा की काउंसलर संस्कृति ठाकुर ने।


1.आपकी नज़र में शिक्षा क्षेत्र में काउंसलिंग का क्या महत्व है ?

शिक्षा के क्षेत्र में काउंसलिंग का विशेष महत्व है, क्योंकि इससे छात्रों और उनके अभिभावकों को बेहतर भविष्य के लिहाज से आवश्यक जानकारियां और मार्गदर्शन मिल पाता है। ऐसा कई बार होता है कि छात्रों और अभिभावकों को विभिन्न विषयों की गहरी समझ और उनसे जुड़े क्षेत्रों में अवसरों की जानकारियां नहीं होती हैं। इसमें काउंसलिंग विशेष भूमिका अदा करती है और छात्रों को उनकी क्षमता, रूचि और 12वीं या ग्रेजुएशन के विषय के अनुरूप आगे शिक्षा के क्षेत्र और विषयों की जानकारी मिलती है जिससे छात्र करियर के लिहाज से बेहतर विषय, कॉलेज इत्यादि चुन पाते हैं।


2. यू जी और पी जी के छात्रों की काउंसलिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रोजुएट छात्रों की काउंसलिंग करते समय खास तौर पर उनकी रूचि, 12वीं या ग्रेजुएशन के विषय, एलिजिबिलिटी और स्पोर्ट्स एवं कला इत्यादि क्षेत्रों में उनकी विशेष उपलब्धियों पर ध्यान दिया जाता है। इसी के अनुसार कोर्सेज और करियर की अपॉर्च्युनिटीज की जानकारी दी जाती है जिससे सही मार्गदर्शन दिया जा सके और कम समय में सफलता सुनिश्चित की जा सके।


3. ग्रेजुएशन किस विषय के साथ करें, जो एक बेहतर करियर दे सके?

यदि एक सामान्य बात की जाए तो ग्रेजुएशन के सभी विषयों में ढेर सारी संभावनाएं और करियर के अवसर उपलब्ध हैं। इसमें जॉब से लेकर आंत्रप्रेन्योरशिप तक में छात्र आगे बढ़ सकते हैं। परंतु यदि बात व्यक्तिगत रूप से किसी एक छात्र की करें, तो इसके लिए छात्र के 12वीं के विषय और रूचि के अनुरूप विकल्प सुझाए जाते हैं। हम आरएनटीयू में 11 फैकल्टीज में बड़ी संख्या में कोर्सेज उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वोकेशनल कोर्सेज, स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज और आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं। साथ ही आरएनटीयू के उद्योग जगत के साथ मजबूत संबंध हैं जिनके जरिए छात्रों को औद्योगिक क्षेत्र का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त होता है। इससे आरएनटीयू का प्रत्येक छात्र इतना क्षमतावान बन पाता है कि उसके लिए करियर की राह बेहद आसान हो जाती है। इसके अतिरिक्त यदि वर्तमान कोविड के बदले परिदृश्य में पसंद किए जा रहे विकल्पों की बाद करें तो पैरामेडिकल, नर्सिंग और एग्रीकल्चर के कोर्सेज छात्रों द्वारा पसंद किए जा रहे हैं क्योंकि उद्योग जगत को इसमें अधिक विशेषज्ञों की आवश्यकता है।


4 . क्या बीटेक करना आज भी उतना ही सही है, जितना एक दशक पहले हुआ करता था?

बीटेक या बीई का अपना महत्व आज भी है। इसमें बड़ी संख्या में रोजगार और आंत्रप्रेन्योरशिप के अवसर मौजूद हैं। परंतु बीते एक दशक में अंतर यह आया है कि अब अन्य विषयों में भी अवसर बढ़ गए हैं। जिनमें ह्यूमेनिटीज और लिबरल आर्ट के तहत बीए सायकोलॉजी, बीए इकोनॉमिक्स, फॉरेन लैंग्वेज कोर्स जैसे कई कोर्स में विकल्प शामिल हैं। यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि अब बीई या बीटेक में भी कई नई ब्रांचेज उभर कर आई हैं जिनमें लोगों की रूचि बढ़ी है। इसे के चलते आरएनटीयू में अन्य कोर्सेज के अतिरिक्त बीई की छह ब्रांचेज में कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिनमें सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, सीएस, आईटी और इलेक्टॉनिक इलेक्ट्रिकल (ईईई) शामिल हैं। वर्तमान में कम्प्यूटर और साइंस (सीएस) अत्यधिक प्रचलित कोर्सेज में शामिल है।

5. राजनीति में करियर क्या एक बेहतर विकल्प हो सकता है?

देश में साक्षरता की दर बढ़ रही है। इसी कारण पढ़े लिखे युवाओं की जरूरत और रूझान दोनों ही राजनीति में बढ़ता हुआ दिख रहा है। परंतु इसे करियर विकल्प के रूप में देखा जाना छात्रों की रूचि पर निर्भर करता है, क्योंकि यह क्षेत्र सफलता के लिए कड़ी मेहनत की अपेक्षा रखता है। इसके लिए आवश्यक कोर्स की बात की जाए तो पॉलीटिकल साइंस और कम्यूनिकेशन हैं। जो छात्रों को जरूरी ज्ञान उपलब्ध कराते हैं। इसके बाद व्यवहारिक ज्ञान के लिए छात्रों को लगातार समाज सेवा के कार्यों को करने की आवश्यकता होती है।


6. प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए किस तरह से तैयारी करनी चाहिए?

प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी ग्रेजुएशन के दौरान ही शुरू की जानी चाहिए क्योंकि इसमें न्यूनतम योग्यता 21 वर्ष की आयु और किसी भी विषय में स्नातक पास या अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। आरएनटीयू में पढ़ाए जाने वाले अधिकतर विषय सिविल सेवा परीक्षा की वैकल्पिक विषय सूची का भी हिस्सा हैं। जैसे- इतिहास, भौतिकी, पॉलिटिकल साइंस एवं इंजीनियरिंग के विभिन्न विषय। आरएनटीयू संस्थान के योग्य प्राध्यापक अपने विषयों के विशेषज्ञ हैं जो सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को आवश्यक मार्गदर्शन दे पाने और उनकी तैयारी को सुदृढ़ बना पाने में सहायक होते हैं। सिविल सेवा की तैयारी अधिकतम दो वर्ष में आसानी से पूरी की जा सकती है।


7. ख़ुद को कौन से क्षेत्र में रुचि है ये कैसे जाने ?

अपनी रूचि को जानने के कई तरीके हो सकते हैं। इसमें सबसे पहले तो आप स्वयं पर ध्यान दें कि आपको सबसे अधिक खुशी किन चीजों को करने में मिलती है या यह देखें कि बचपन से अब तक आपकी उपलब्धियां किन क्षेत्रों में रही हैं। साथ ही अपने एकेडमिक, कल्चरल, स्पोर्ट्स की पसंदों पर भी ध्यान दें। आमतौर पर इनसे अपनी रूचि के बारे में जाना जा सकता है। इसके अतिरिक्त भी यदि समस्या हो तो सायकोमेट्रिक टेस्ट का सहारा लिया जा सकता है जो कि आरएनटीयू में बिना किसी शुल्क के कराया जाता है। यह सायकोमेट्रिक टेस्ट खासतौर पर आरएनटीयू की एक पहल है। जो छात्रों की रूचियों को समझने और करियर ऑप्शन सुझाने के लिए होता है। इसे आरएनटीयू की टीम विभिन्न स्कूलों में आरएनटीयू टैलेंट हंट के दौरान उपलब्ध कराती है। इसके अतिरिक्त छात्र 9760480884 मोबाइल नंबर व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से बात करके भी सायकोमेट्रिक टेस्ट के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं। 


8. मौजूदा दौर में बच्चें खुद को सकारात्मक कैसे रखें?

वर्तमान में कोविड -19 की महामारी के कारण एक नकारात्मकता का माहौल जरूर बना है, परंतु हम जानते हैं कि प्रत्येक चीज के दो पहलू होते हैं। आज लॉकडाउन के कारण भले हमें घर में रहना पड़ रहा है, पर इस खाली समय का सदुयपयोग कर हम स्वयं को आने वाले समय के लिए तैयार कर सकते हैं। इसके लिए हम अपनी रूचि के अनुसार विभिन्न तकनीकी या कलात्मक कोर्स कर सकते हैं। जो ऑनलाइन बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इनमें से कई मुफ्त भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा अपनी हॉबीज जैसे पेटिंग, डांसिंग, सिंगिंग, कुकिंग, राइटिंग, रीडिंग, योगा इत्यादि पर ध्यान देने का यह सबसे अच्छा समय है। ये सभी चीजें आपको सकारात्मक बनाएंगी।



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वोकेशनल विषय के संबंध में असाइनमेंट अथवा प्रोजेक्ट तैयार करने संबंधी सामान्य दिशा निर्देश

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत संचालित वोकेशनल विषयों की परीक्षा का प्रस्तावित कार्यक्रम

SYLLABUS OF MAJOR PAPERS COMPUTERIZED ACCOUNTING & DIGITAL MARKETING