मूल्य आधारित नैतिक शिक्षा से ही होगा मानव मात्र का कल्याण

 

मूल्य आधारित नैतिक शिक्षा से ही होगा मानव मात्र का कल्याण


चलने फिरने में असमर्थ रिटायर्ड मेजर जनरल का घर के एक कमरे में फर्श पर गद्दा लगा दिया गया,और नौकर को कहा कि इनका पूरा ख्याल रखना, हमें कोई शिकायत ना मिले।बेटों की नई शादियां हुई थी।

एक ने गर्मी की छुट्टियां गुजारने फ्रांस का प्रोग्राम बनाया,और दूसरे ने लंदन का,और तीसरे ने पेरिस का हर जगह अपना परिचय मेजर जनरल के बेटे होने से शुरु करते नौकर को चेतावनी दी,हमारी तीन माह के बाद वापसी होगी। तुम पापा का पूरा ख्याल रखना, वक्त पर खाना देना।

 नौकर-अच्छा साहब जी!

 सब चले गए वह बाप अकेला घर के कमरे में लेटा सांस लेता रहा,ना चल सकता था, ना खुद से कुछ मांग सकता था। नौकर घर को ताला लगाकर बाजार से ब्रेड लेने गया।तो उसका एक्सीडेंट हो गया।लोगों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया और वह कोमा में चला गया।नौकर कोमा से होश में ना आ सका।बेटों ने नौकर को सिर्फ बाप के कमरे की चाबी देकर बाकी सारे घर को ताले लगाकर चाबियां साथ ले गए थे।नौकर उस कमरे को ताला लगाकर चाबी साथ लेकर गया था कि अभी वापस आ जाऊंगा।

अब बूढ़ा रिटायर्ड मेजर जनरल कमरे में बन्द हो चुका था,वह चल फिर भी नहीं सकता था, किसी को आवाज नहीं दे सकता था।यहां  3 माह बाद जब बेटे वापस आए और ताला तोड़कर कमरा खोला गया तो लाश की हालत वह हो चुकी थी जो तस्वीर में दिखाई दे रही है। यह घटना हमें बता रही है कि किस तरह अपनी संतान के लिए नेकी और बुराई की परवाह किए बगैर हम सब उनका भविष्य संभालने के लिए तन,मन,धन खपाते हैं,और ज्यादा से ज्यादा दौलत-जायदादें बनाकर उनका भविष्य की पीढ़ियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने की कोशिश करते हैं। और सोचते हैं कि यह औलाद कल बुढ़ापे में मेरी देखभाल करेगी।

 बेहतरीन स्कूलों में भौतिक शिक्षा दिलवाने की आपाधापी में हम ये भूल जाते हैं कि जीवन उपयोगी नैतिक मूल्यों, मानवतायुक्त संस्कारों, धार्मिक विचारों की शिक्षा देने से ही मानव का पूर्ण विकास संभव होता है।नैतिक धार्मिक सामाजिक मानविकी शिक्षा को हम समय की बर्बादी समझते हैं 

हर इंसान जो बोता है उसी का फल पाता है हमें भी सोचने समझने की जरूरत है कि हम अपनी औलाद को क्या सही शिक्षा दिलवा रहे हैं कहीं हमारा हाल भी ऐसा तो नहीं होने वाला है 

ईश्वर किसी को यह दिन ना दिखाएं l          

कहानी काल्पनिक हो सकती हैं लेकि समाज की सच्चाई भी हैं

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