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सितंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चूना एक- इसके लाभ अनेक

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चूना  एक- इसके लाभ अनेक चूना जो पान में लगा के खाया जाता है , उसकी एक डिब्बी ला कर घर में रखे  - यह सत्तर प्रकार की बीमारियों को ठीक कर देता है . गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक हो जाता है . - चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है - अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे . जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उन्हें भी इस चूने का सेवन करना चाहिए . - शुगर  रोज़ सुबह ख़ाली पेट एक गिलास पानी में एक छोटे चने के बराबर चुना मिलकर पीने से शुगर जड़ से ख़त्म हो जाती हैं ( समय समय पर जाँच करवाते रहे.. वरना शुगर का लेवल माइनस भी हो सकता हैं ) - विद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है जो लम्बाई बढाता है - गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के या पानी में मिला के लिया जा सकता है - इससे लम्बाई बढने के साथ साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छी होती है । जिन बच्चों की बुद्धि कम है ऐसे मतिमंद बच्चों के लिए सबसे अच्छी दवा ...

मूल्य आधारित नैतिक शिक्षा से ही होगा मानव मात्र का कल्याण

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  मूल्य आधारित नैतिक शिक्षा से ही होगा मानव मात्र का कल्याण चलने फिरने में असमर्थ रिटायर्ड मेजर जनरल का घर के एक कमरे में फर्श पर गद्दा लगा दिया गया,और नौकर को कहा कि इनका पूरा ख्याल रखना, हमें कोई शिकायत ना मिले।बेटों की नई शादियां हुई थी। एक ने गर्मी की छुट्टियां गुजारने फ्रांस का प्रोग्राम बनाया,और दूसरे ने लंदन का,और तीसरे ने पेरिस का हर जगह अपना परिचय मेजर जनरल के बेटे होने से शुरु करते नौकर को चेतावनी दी,हमारी तीन माह के बाद वापसी होगी। तुम पापा का पूरा ख्याल रखना, वक्त पर खाना देना।  नौकर-अच्छा साहब जी!  सब चले गए वह बाप अकेला घर के कमरे में लेटा सांस लेता रहा,ना चल सकता था, ना खुद से कुछ मांग सकता था। नौकर घर को ताला लगाकर बाजार से ब्रेड लेने गया।तो उसका एक्सीडेंट हो गया।लोगों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया और वह कोमा में चला गया।नौकर कोमा से होश में ना आ सका।बेटों ने नौकर को सिर्फ बाप के कमरे की चाबी देकर बाकी सारे घर को ताले लगाकर चाबियां साथ ले गए थे।नौकर उस कमरे को ताला लगाकर चाबी साथ लेकर गया था कि अभी वापस आ जाऊंगा। अब बूढ़ा रिटायर्ड मेजर जनरल कमरे में बन्द हो चुक...

पूँजीपतियों का रुख़ देश के किसानों-मज़दूरों की ज़मीन की तरफ़

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  पूँजीपतियों का रुख़ देश के किसानों-मज़दूरों की ज़मीन की तरफ़  भारत के सबसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद भगत सिंह ने अपने लेखों में कई तरह से पूंजीपतियों को अपना शत्रु बताया है। उन्होंने लिखा कि किसान-मजदूरों का शोषण करने वाला चाहें एक भारतीय ही क्यों न हो, वह उनका शत्रु है और आज भारत देश की वर्तमान स्तिथि भी कुछ ऐसी ही है।आज भी पूँजीपतियों का रुख़ देश के किसानों-मज़दूरों की ज़मीन की तरफ़ है उस समय अंग्रेज सरकार दिल्ली की असेम्बली में ‘पब्लिक सेफ़्टी बिल’ और ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ पास करवाने जा रही थी।ये दो बिल ऐसे थे जो भारतीयों पर अंग्रेजों का दबाव और भी बढ़ा देते।फ़ायदा सिर्फ़ अंग्रेजों को ही होना था इससे क्रांति की आवाज़ को दबाना भी काफ़ी हद तक मुमकिन हो जाता।अंग्रेज सरकार इन दो बिलों को पास करवाने की जी-तोड़ कोशिश कर रही थी।वो इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहते थे। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए भगत सिंह ने असेम्बली में बम फेंकने का बीड़ा उठाया। इस बम विस्फ़ोट का उद्देश्य किसी को भी चोट पहुंचाना नहीं था, भगत सिंह ने तो जान बूझकर उस जगह बम फेंका जहां सबसे कम लोग मौजूद थे।विस्...

ACCOUNTING CONCEPTS

 M. COM. FINAL CORPORATE FINANCIAL ACCOUNTING ################################## Accounting Concept ################################## What is Accounting Concepts? ################################## Accounting concepts are the basic rules, assumptions, and conditions that define the parameters and constraints within which the accounting operates. In other words, accounting concepts are the generally accepted accounting principles, which form the fundamental basis of preparation of universal form of financial statements consistently. Objectives of Accounting Concepts ################################## 1. The main objective is to achieve uniformity and consistency in the preparation and maintenance of financial statements 2. It acts as the underlying principle, which assists accountants in the preparation and maintenance of the business records. 3. It aims to achieve a common understanding of rules or assumptions to be followed by all types of entities, thereby facilitating comprehen...

भारतीय लेखांकन प्रमाप -INDIAN ACCOUNTING STANDARD- IN BRIEF

 भारतीय लेखांकन प्रमाप -INDIAN ACCOUNTING STANDARD- IN BRIEF ################################## प्रमाप संख्या (STANDARD NUMBER)- AS 1 प्रमाप का शीर्षक (TITLE OF STANDARD)-लेखांकन नीतियों का प्रकटीकरण निर्गमन तिथि (ISSUE DATE)-नवंबर 1979 संशोधित तिथि (REVISED DATE)- लागू तिथि (APPLICABLE DATE)-1 अप्रैल, 1993 किसके लिए लागू (APPLICABLE FOR WHOM)-सभी के लिए ################################## प्रमाप संख्या (STANDARD NUMBER)-AS 2 प्रमाप का शीर्षक (TITLE OF STANDARD)-स्टॉक का मूल्यांकन निर्गमन तिथि (ISSUE DATE)-जून 1981 संशोधित तिथि (REVISED DATE)- लागू तिथि (APPLICABLE DATE)- किसके लिए लागू (APPLICABLE FOR WHOM)-सभी के लिए ################################## प्रमाप संख्या (STANDARD NUMBER)-AS 3 प्रमाप का शीर्षक (TITLE OF STANDARD)-रोकड़ प्रवाह विवरण निर्गमन तिथि (ISSUE DATE)-जून 1981 संशोधित तिथि (REVISED DATE)-मार्च 1997 लागू तिथि (APPLICABLE DATE)-1 अप्रैल 1999 किसके लिए लागू (APPLICABLE FOR WHOM)-प्रथम स्तरीय ################################## प्रमाप संख्या (STANDARD NUMBER)-AS 4 प्रम...

JOURNAL ENTRIES REGARDING ISSUE OF SHARES

 अंशो के निर्गमन संबंधी लेखें ################################## A-जब अंशों का निर्गमन सममूल्य पर किया गया हो ################################## I- यदि रोकड़ पुस्तक में सीधे लेखें नहीं किये जाते और आवेदन पत्र तथा आवंटन के लिए अलग-अलग लेखें किए जाते हो- ################################## 1-आवेदन पत्र की राशि प्राप्त होने पर BANK A/C          DEBIT TO SHARE APPLICATION A/C 2-आवेदन पत्र की राशि को पूंजी खाते में हस्तांतरित करने पर SHARE APPLICATION A/C      DEBIT TO SHARE CAPITAL A/C 3-आवंटन राशि की याचना करने पर SHARE ALLOTMENT A/C  DEBIT TO SHARE CAPITAL A/C 4-आवंटन राशि प्राप्त होने पर BANK A/C   DEBIT TO SHARE ALLOTMENT A/C 5-प्रथम याचना करने पर SHARE FIRST CALL A/C   DEBIT TO SHARE CAPITAL A/C 6-प्रथम याचना की राशि प्राप्त होने पर BANK A/C   DEBIT TO SHARE FIRST CALL A/C   7-द्वितीय एवं अंतिम याचना करने पर SHARE SECOND & FINAL CALL A/C  DEBIT TO SHARE CAPITAL A/C 8-द्वितीय एवं अंतिम याचन...

HISTORY QUIZ

  HISTORY QUIZ OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO Question.1 मंगल पाण्ड्य को फाँसी पर कब लटगाया गया था A. 9मार्च1857 को B. 1अप्रैल 1857को C. 8 अप्रैल 1857 को✅ D. 10 मई 1857 को Question.2 1857 की क्रांति के समय इंग्लैंड के प्रधानमन्त्री थे चर्चील ऐटली पार्मस्टेन✅ इनमे से कोई नही Question.3 तांत्या टोपे को अंग्रेजो द्वारा फाँसी दी गयी थीं? 3अप्रैल1858 18अप्रैल1858 18 मार्च 1859 18 अप्रैल 1859✅ Question.4 ब्रिटिश हाउस ऑफ़ कॉमन्स का चुनाव लड़ने वाले पहले भारतीय थे सुभाष चंद्र बोस दादा भाई नोरोजी✅ कृष्ण कुमार मित्र भीमराव अम्बेडकर Question.5 किस दिन बंगाल शोक दिवस मनाया जाता है? 16 अक्टूबर✅ 16 अगस्त 16 जुलाई 16 दिसम्बर Question.6 किस अधिवेसन में कांग्रेस गर्म दल व् नरम दल में विभाजित हो गयी ? 1906 कलकत्ता अधिवेसन 1908 मद्रास अधिवेशन 1916 लखनव अधिवेशन 1907 सूरत अधिवेसन ✅ Question.7 युगांतर नामक समाचार पत्र का प्रकासन किया वारीन्द्र कुमार घोष ने भूपेन्द्र नाथ दत्त ने पी. एन. वापट 1व 2 दोनों✅ Question.8 महाराष्ट्र के विनायक दामोदर सावरकर ने “अभिनव् भारत” ना...

PRINCIPLES OF BUSINESS ORGANISATION//व्यवसायिक संगठन के सिद्धान्त

  व्यवसायिक संगठन के सिद्धान्त OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO संगठन सिद्धान्त (Organizational theory) के अन्तर्गत औपचारिक सामाजिक संगठनों का समाजशास्त्रीय अध्ययन किया जाता है। व्यापारिक संगठन तथा ब्यूरोक्रैटिक संस्थाएँ आदि औपचारिक सामाजिक संगठन हैं। एक व्यवसायिक संगठन के सिद्धान्त निम्नलिखित हैं:- (1) उद्देश्य का सिद्धान्त -  उद्देश्य के बिना संगठन का निर्माण नहीं किया जा सकता है, अतः संगठन के प्रत्येक भाग का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। संगठन में कार्यरत सभी व्यक्तियों को संगठन के उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए। उद्देश्य निश्चित न होने पर मानव एवं मानव सामग्री का कुशल एवं प्रभावी उपयोग नहीं किया जा सकता है। (2) समन्वय का सिद्धान्त -  समन्वय (coordination) संगठन के समस्त सिद्धान्तों को अभिव्यक्त करता है। संगठन का उद्देश्य ही उपक्रम के विभिन्न विभागों पर किये जाने वाले कार्य में समन्वय स्थापित करता है। (3) विशिष्टीकरण का सिद्धान्त -  व्यक्ति की इच्छा एवं कार्य क्षमता के अनुसार ही कार्य सौंपा जाना चाहिए जिसको करने में वह सक्षम है। तो वह उस कार्य में दक्षता प्राप्त करता है। ...

ADVERTISING, SALES PROMOTION AND SALES MANAGEMENT

  ADVERTISING, SALES PROMOTION AND SALES MANAGEMENT #################################### Advertising, Sales Promotion, and Sales Management is a bachelor level program. The interest for the two items and administrations rely upon different economic situations including rivalry, capital, and correspondence. Through 'correspondence' an organization can make the possibilities/clients mindful of its item/administration traits. Publicizing and Public Relations assume an indispensable job in satisfying this 'correspondence' angle. In this specific situation, B.A. Advertising, Sales Promotion, and Sales Management targets furnishing understudies with better subtleties of Advertising, Sales Promotion, Public Relations and Sales power Management. This program empowers the understudies to create aptitudes required for work/employment in promoting, individual selling and charismatic skill. Then again, an understudy likewise will be furnished with abilities required to propel and p...

Office Management & Secretarial Practice CAREER PROSPECTS

 Office Management & Secretarial Practice CAREER PROSPECTS OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO Hi readers! In this post, we will deal with a vocational training program that is related to office management, office administration and secretarial practice.  Here, we will have an in-depth analysis of office Management and Secretarial Practice course. If you want to land a decent office job, this course will be of help to you. Office Management and Secretarial Practice is a job oriented course.  Here is a quick overview of the academic program –   In this post, you will find all the important details that you need to know about this academic program. Here, I’ve covered topics such as – duration, eligibility, colleges, admission, fees, scope, career prospects, PG courses and salary details. Office Management and Secretarial Practice is an undergraduate level course. Technically, it is a Bachelor’s Degree course. Students who have passed 12th class are eligible to pursue th...

BUSINESS CONCEPTS MCQ

BUSINESS CONCEPTS MCQ  प्रश्न -1 व्यवसाय में सेवा क्षेत्र के अंतर्गत शामिल किया जाता है- A. बेकिंग B. बीमा C. परिवहन D. विज्ञापन E. उपरोक्त सभी ANSWER-E प्रश्न 2. व्यापार की सहायक क्रियाओं में सम्मिलित नहीं है – A. बैंक B. बीमा C. गोदाम D. विक्रय परान्त सेवा E. उपरोक्त सभी ANSWER-D प्रश्न 3. नव प्रवर्तन का क्या अर्थ है? A. नवीन वस्तुओं का उत्पादन B. ग्राहक संतुष्टि C. ग्राहक आवश्यकतानुसार उत्पादन D. वस्तुओं का अधिकतम विक्रय करना E. उपरोक्त सभी ANSWER-A प्रश्न 4. व्यवसाय के उद्देश्यों में सर्वप्रमुख उद्देश्य होता है – A. लाभ उद्देश्य B. सेवा उद्देश्य C. मानवीय उद्देश्य D. इनमें से कोई नहीं E. उपरोक्त सभी ANSWER-A प्रश्न 5. निम्न में से एकल व्यापार की विशेषता है? A. समझौता B. दो या दो से अधिक व्यक्ति C. लाभ का विभाजन D. एकल स्वामित्व E. उपरोक्त सभी ANSWER-D प्रश्न 6. साझेदारी कब अवैध समझी जाती है? A. दो से कम व्यक्ति हो जाने पर B. अवैधानिक उद्देश्य होने पर C. व्यवसाय में 50 से अधिक साझेदारों के होने पर D. उपरोक्त सभी E. उपरोक्त में से कोई नहीं ANSWER-D प्रश्न 7.  हिन्दू अविभाजित...

व्यवसायिक संगठन बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

 व्यवसायिक संगठन बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO प्रश्न 1. मानव भूगोल के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु कौन है? (अ) मानव (ब) पशु (स) पक्षी (द) पृथ्वी ANSWER-A प्रश्न 2. मानव को स्थायीकरण के लिए किसने प्रेरित किया? (अ) जानवरों ने (ब) जलवायु ने (स) कृषि ने (द) व्यापार ने ANSWER-C प्रश्न 3. मोहनजोदड़ो व हड़प्पा सभ्यताओं का विकास किस काल में हुआ था? (अ) प्रागैतिहासिक काल में (ब) प्राचीन काल में (स) मध्यकाल में (द) आधुनिक काल में ANSWER-B प्रश्न 4. मानव के व्यवसायों को कितने भागों में बांटा गया है? (अ) 2 (ब) 3 (से) 4 (द) 5 ANSWER-D   प्रश्न 5. कृषि किस प्रकार का व्यवसाय है? (अ) प्राथमिक (ब) द्वितीयके (स) तृतीयक (द) पंचमक ANSWER-A   प्रश्न 6. निम्न में से जो द्वितीयक व्यवसाय में शामिल नहीं है, वह है – (अ) विनिर्माण (ब) प्रसंस्करण (स) निर्माण (द) संचार ANSWER-D प्रश्न 7. निम्न में से जो तृतीयक व्यवसाय है, वह है (अ) संग्रहण (ब) ऊर्जा उत्पादन (स) परिवहन (द) प्रबन्धन ANSWER-C प्रश्न 8. अप्रत्यक्ष सेवाओं का सम्बन्ध किससे है? (अ) प्राथमिक व्यवसाय से (ब) द्वितीयक व्य...

व्यावसायिक गतिविधियों का वर्गीकरण (Classifications of Business Activities)

  व्यावसायिक गतिविधियों का वर्गीकरण  (Classifications of Business Activities)  OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO व्यवसायिक गतिविधियों का वर्गीकरण व्यवसाय या कंपनी की प्रकृति के आधार पर होगा। व्यावसायिक गतिविधियाँ उन सभी आर्थिक गतिविधियों के बारे में बताती हैं जो लोगों द्वारा लाभ कमाने के लिए की जाती हैं। हम इन गतिविधियों को उनके कार्यों के आधार पर वर्गीकृत भी कर सकते हैं। इन गतिविधियों (Classifications of Business Activities) में अर्द्ध-तैयार या तैयार उत्पादों में कच्चे माल की रूपांतरण प्रक्रिया शामिल है। व्यावसायिक गतिविधियों का वर्गीकरण (Classifications of Business activities): 1. उद्योग और उसका वर्गीकरण (Industry and its classification): 2. वाणिज्य और उसका वर्गीकरण (Commerce and its classification): व्यावसायिक गतिविधियों का वर्गीकरण (Classifications of Business activities): व्यावसायिक गतिविधियों का वर्गीकरण (Classifications of Business Activities) व्यवसाय के कार्यों के आधार पर निर्भर करता है। और इसे दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: उद्योग (Industry) व्यापार...

व्यवसाय के विकास की प्रक्रिया

  व्यवसाय के विकास की प्रक्रिया OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO आदिम मानव अपनी उदरपूर्ति जंगली जानवरों के शिकार एवं वनोत्पादों से करता था। मानव घुमक्कड़ था। धीरे-धीरे मानव के बौद्धिक विकास के कारण वह उपयोगी जानवरों को पालने लगा। पशुओं की चारे की पूर्ति के लिए वह ऋतु-प्रवास करने लगा। मानव की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पशु उत्पादों से होने लगी। कृषि ने मानव को स्थायीकरण के लिए प्रेरित किया। पुनर्जागरण काल में खोज, अन्वेषण व तकनीकी विकास के साथ ही आर्थिक विकास ने गति पकड़ी। 18 वीं सदी में जीवाश्म ईंधन की खोज के बाद विश्व में खनन व उद्योग जैसी आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हुआ। मानव के व्यवसायों के विकास का एक क्रम पाया जाता है। इस विकास क्रम को काल के अनुसार निम्न प्रकार से बाँटा जा सकता है – 1. प्रागैतिहासिक काल 2. प्राचीन काल 3. मध्य काल 4. आधुनिक काल। 1. प्रागैतिहासिक काल: इस काल में मानव जंगली जानवरों का शिकार करता था तथा जंगलों से कंद-मूल, फल संग्रहण करता था। मानव जंगली अवस्था में ही रहता था। इस काल में शिकार में कुत्ता मानव का सहायक बना। धीरे-धीरे मानव उपयोगी जानवरों को पालतू बना...

विश्व में किए जाने वाले प्रमुख व्यवसायों का वर्गीकरण

विश्व में किए जाने वाले प्रमुख व्यवसायों का वर्गीकरण उत्तर: मानव एक क्रियाशील प्राणी है जो अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ करता है। विश्व के विभिन्न भागों में मिलने वाली भौतिक व सांस्कृतिक वातावरण की स्थिति के अनुसार मानव के व्यवसाय भी भिन्न-भिन्न मिलते हैं। मानव द्वारा किए जाने वाले कार्यों का स्वरूप प्रागैतिहासिक काल से वर्तमान तक निरन्तर बदलता रहा है। पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों से सतत् दूरी बढ़ने के आधार पर मानव की जीविका उपार्जन की विधियों व आर्थिक क्रियाओं को निम्न पांच भागों में बांटा गया है–   प्राथमिक व्यवसाय: आखेट, संग्रहण, कृषि, पशुपालन, खनन आदि। द्वितीयक व्यवसाय: विनिर्माण, निर्माण, ऊर्जा-उत्पादन, प्रसंस्करण व अन्य निर्माण। तृतीयक व्यवसाय: परिवहन, व्यापार, संचार, प्रशासन, मनोरंजन, बैंक, बीमा, पर्यटन। चतुर्थक व्यवसाय: सूचना, शोध, प्रबन्धन, शिक्षा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा। पंचमक व्यवसाय : कार्यकारी निर्माणकर्ता, अनुसंधान, सरकार, कानूनी व तकनीकी सलाहकार। 1. प्राथमिक व्यवसाय: जिन व्यवसायों में मनुष्य प्रकृति प्रदत्त संसाधनों-भूमि, जल, वनस्पति एवं ख...

SAMPLE QUESTION PAPER FOR MONTHLY TEST FOR B. COM. -1 YEAR-1 SEMESTER-I

 SAMPLE QUESTION PAPER FOR MONTHLY TEST FOR B. COM. -1 YEAR-1 SEMESTER-I OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO INSTRUCTIONS:- 1-This test includes 40 multiple choice questions (MCQs). 2-In this test,, each question has 4 options. You need to choose the correct option for each question.  3-All questions are compulsory. OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO 1. Wages are paid for: A. Short-term periods B. Long-term periods C. All of the above D. None of the above 2. Which of the following is false? A. One reason for the failure of small businesses is the lack of managerial experience B. One reason for the failure of small businesses is that most entrepreneurs are younger than 25 years old C. One reason for the failure of small businesses is negligence D. One reason for the failure of small businesses is weak control systems 3. Which of the following is not a secondary industry? A. Construction industry B. Manufacturing industry C. Genetics industry D. Service industry 4. How many types of indu...

SYLLABUS B. COM. -YEAR 1- SEMESTER-Ist PAPER- BUSINESS ORGANIZATION

 SYLLABUS B. COM. -YEAR 1- SEMESTER-Ist PAPER- BUSINESS ORGANIZATION OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO (This course can be opted as an elective by the students of following subjects:  Open for all) OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO Programme: B.Com. Year: First Semester: First Subject: Commerce  Course Code: C010101T Course Title: Business Organization OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO Course outcomes: OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO After completing this course a student will have:  Ability to understand the concept of Business Organisation along with the basic  laws and norms of Business Organisation.  Ability to understand the terminologies associated with the field of Business  Organisation along with their relevance.  Ability to identify the appropriate types and functioning of Business  Organisation for solving different problems.  Ability to apply basic Business Organisation principles to solve business and  industry related problems.  Ability to und...

COMMERCE STUDY GROUP

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SUCCESSFUL BUSINESSMAN QUALITIES

  OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO; एक अच्छे और सफल उद्यमी के गुण OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO 1. जोखिम वहन की क्षमता हर उधग मे कुछ न कुछ जोखिम होता है तथा उद्यमी मे जोखिम वहन करने की क्षमता होना बहुत जरूरी है। उसे कई जोखिमों को वहन करना पड़ता है। किसी भी उधम के अन्तर्गत साहसी को संभावित सफलता तथा हानि को संतुलित करते अनिश्चितता के वातावरण मे निर्णय लेने होते है, जिनके परिणाम अज्ञान तथा अनिश्चित होते है। उद्यमी सदैव स्थित का पूर्ण मूल्यांकन करते हुए ही जोखिम उठाता है। 2. प्रसन्न मुद्रा  उद्यमी मे प्रसन्न मुद्रा का भी गुण होना चाहिए। यदि वह प्रसन्न, हँसमुख एवं तरोताजा रहता है तो अगला पक्षकार उससे प्रभावित हो जाता है। 3. निर्णय लेने की क्षमता किसी भी व्यावसायिक अवसर का लाभ तभी उठाया जा सकता है जबकी उद्यमी मे तत्काल निर्णय लेने की क्षमता हो। उद्यमी द्वारा लिये गये निर्णयों का प्रभाव उपक्रम के भविष्य पर पड़ता है, इसलिए निर्णय सृजनात्मक तथा लाभप्रद होना चाहिए। 4. कल्पना शक्ति उद्यमी मे कल्पना शक्ति अवश्य होनी चाहिए। इसी के आधार पर साहसी उपक्रम की कल्पना करता है, उसको मूर्त रूप देता...

IMPORTANCE OF VOCATIONAL COURSES

  What are vocational courses and how can they help you in career? OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO Vocational courses generally aim at preparing individuals for a specialized career and help in upgrading the career. What are vocational courses? Vocational courses are courses that are usually aimed at equipping students with practical skills for a specific profession or field. These courses are tailor-made to make students completely job ready. Hence, are often aimed at a specialized career and designed in a manner such as to help you upgrade your skills for that particular career. Traditional courses v/s vocational courses The traditional course like the engineering, B.A., B.Com and other such degrees are highly preferred by students. Most of these courses have a classroom teaching model wherein most of the subject knowledge is imparted to students in class in form of theories and case studies. Thier only experience of the practical stuff is through internships wherein they face a h...