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अगस्त, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Google Scholar: Every Researcher Must Know

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 Google Scholar: Every Researcher's Must Know When Google was officially launched as a web-based search engine, none of us would have thought it could address academicians' research discovery problems via "Google Scholar."   The launch of Google Scholar in November 2004 took the scholarly communication world by storm by authenticating the true meaning of Google, i.e., "largest information resource." At first, researchers worldwide acknowledged this new product of Google intended to empower research by transforming the research-finding process. Over the years, with the advent of gaming, inaccurate citation counts, no periodic data updates, and other platform-centric concerns ascended gradually. As a result, many users started questioning the reliability of the platform. Consequently, some users request feature updates with advanced search options or services, while others dig into the sources' credibility.  Meanwhile, the budding research scholars are sti

सॉफ्ट स्किल्स: हर व्यक्ति की सफलता का आधार

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  सॉफ्ट स्किल्स: हर व्यक्ति की सफलता का आधार सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग में भविष्य समय के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल करियर के निर्माण या उसे दिशा देने में पर्याप्त क्षमता वाले साधन के रूप में उभरकर सामने आया है। अकसर देखा जाता है कि कुछ लोग तकनीकी रूप से बड़े ही प्रतिभावान होते हैं और साथ ही वे अपने क्षेत्र में निपुण भी होते हैं, किंतु उनके करियर में एक निश्चित बिंदु के बाद ठहराव-सा आ जाता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें नेतृत्व क्षमता, समूह में काम करना, सामाजिक सम्प्रेषण तथा संबंध निर्माण कौशलों का अभाव होता है। सॉफ्ट स्किल एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें सम्प्रेषण कौशल, श्रवण कौशल, टीम कौशल, नेतृत्व के गुण, सृजनात्मकता और तर्कसंगति, समस्या निवारण कौशल तथा परिवर्तनशीलता आदि सम्मिलित हैं।  सॉफ्ट स्किल सामान्यतः गुण-स्वरुप होते हैं और इन्हें पुस्तकों से नहीं सीखा जा सकता। लेकिन औपचारिक प्रशिक्षण निश्चित रुप से आपको कुशल बना सकता है और यदि आप विशिष्ट कौशलों में सुधार करना चाहते हैं तो यह कुछ सूत्र और तकनीकों की शिक्षा प्रदान कर सकता है। यदि आप सही अर्थों में अपने व्यक्तित्व में सॉफ्ट स्किलों को जो

मैं ईसाई हूं, तिरंगे को नहीं दूंगी सलामी... 15 अगस्त पर स्कूल की प्रिंसिपल की हरकत पर बवाल

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  मैं ईसाई हूं, तिरंगे को नहीं दूंगी सलामी... 15 अगस्त पर स्कूल की प्रिंसिपल की हरकत पर बवाल प्रिंसिपल ने यह कहकर तिरंगे को सैल्यूट करने से इनकार दिया कि वह ईसाई हैं और धार्मिक मान्यता के अनुसार, झंडे को सलाम करने की अनुमति नहीं है। तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और ध्वज को सैल्यूट करने से इनकार कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, प्रिंसिपल ने यह कहकर तिरंगे को सैल्यूट करने से इनकार दिया कि वह ईसाई हैं और धार्मिक मान्यता के अनुसार, झंडे को सलाम करने की अनुमति नहीं है। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जांच शुरू कर दी है। दरअसल, धर्मपुरी जिले के सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल तमिलसेल्वी इसी साल रिटायर हो रही हैं। जानकारी के अनुसार, उन्हें सम्मानित करने के लिए 15 अगस्त के मौके पर खास कार्यक्रम की व्यवस्था की गई थी। सूत्रों ने पुष्टि की है कि सहायक प्रधानाध्यापक द्वारा तिरंगा फहराया गया क्योंकि प्रिंसिपल ने ऐसा करने से मना कर दिया। प्रिंसिपल ने तर्क दिया कि उनकी धार्मिक मान्यता उन्हें ऐसा कर

व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के चयन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

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 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के चयन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां ************************************************* राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अंतर्गत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को एक वोकेशनल पाठ्यक्रम का चयन करते हुए उसका अध्ययन करना आवश्यक है। यदि आपके पास निम्नलिखित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में से किसी एक विषय को चुनने का विकल्प दिया जाए तो आपको  अपने लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम का चयन करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए उन बातों का वर्णन यहां पर किया गया है- अ-डिजिटल मार्केटिंग ब-एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट स-ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस यदि आपको उपरोक्त में से कोई एक विषय चुनना पड़े तो यहां विषय वार दिए गए निम्नलिखित तथ्यों को ध्यान में अवश्य ही रखें- ************************************************* अ-डिजिटल मार्केटिंग- ************************************************* यह व्यवसायिक पाठ्यक्रम निम्नलिखित विद्यार्थियों को  सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले चयन करना चाहिए- 1-बीकॉम प्रथम सेमेस्ट

SYLLABUS- M. COM. PREVIOUS- BUSINESS RESEARCH METHODOLOGY

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 SYLLABUS-  M. COM. PREVIOUS- BUSINESS RESEARCH METHODOLOGY  Objective: The objective of the course is to acquaint the students with the process and techniques of conducting research. The course is expected to train the students to plan and execute the research studies in business.  Contents:  Unit I:  Introduction to Business Research:  Meaning and role of business research;  Business research and scientific method; Scope of business research;  An overview;  Ethics in business research.  Unit II:  Problem Specification:  Management problem specification, Formulating research problem,  Developing research proposal,   research objectives,  research hypotheses,  information needs;  Determining research design:  Explorative research – major techniques and their evaluation;  Descriptive researches – case study,  survey method and observation method;  Quantitative vs qualitative research.  Unit III: Determining Data Sources:  Secondary data sources and their usefulness; Primary data collect

COMPUTERIZED ACCOUNTING-SEMESTER -II TALLY

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 COMPUTERIZED ACCOUNTING-SEMESTER -II  TALLY Tally क्या है और कैसे सीखे? दोस्तों क्या आप जानते हैं की Tally क्या है? अगर आप किसी कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में गए होंगे तो टैली कंप्यूटर कोर्स का नाम जरूर सुना होगा. इसके बारे में अक्सर लोग ये सवाल पूछते हैं की Tally करने के फायदे क्या हैं? अगर आपको इन सवालों के जवाब नहीं मालूम तो कोई बात नहीं। क्यों की आज की पोस्ट मैंने Tally की जानकारी हिंदी में देने के लिए ही लिखा है. इसके साथ ही मैं आपको Tally का इतिहास भी बताऊंगा. आखिर टैली एकाउंटिंग का इस्तेमाल होना कब शुरू हुआ और इससे हम क्या क्या काम कर सकते हैं. ये सारी बातें हम आज यहाँ पुरे विस्तार से जानेंगे. दोस्तों जैसा की हम जानते हैं की आज का ज़माना कंप्यूटर क्या है और हर काम के लिए इंसान कंप्यूटर की मदद लेते हैं. चाहे अंतरिक्ष जाना हो या एक बैंक, सरकारी कार्यालय हो या फिर एक फोटो प्रिंट कर के निकालना हर जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. इसी कड़ी में बहुत सारी कंपनियों में अकाउंट से जुड़े कामों के लिए अलग अलग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। एकाउंटिंग के लिए Tally प्रयोग होने वाला काफी पॉपुलर एप्लीक

चीन के वीगर मुसलमानों का इतिहास, कभी मंगोलिया के मैदानों तक था जिनका साम्राज्य

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  चीन के वीगर मुसलमानों का इतिहास,  कभी मंगोलिया के मैदानों तक था जिनका साम्राज्य आज वो एक दबा हुआ समुदाय हैं जो संभवतः अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहा है. लेकिन एक दौर में वीगर मुसलमानों का अपना साम्राज्य था जिसने मंगोलिया के मैदानों पर शासन किया, चंगेज़ ख़ान ने उनकी लिपि को अपनाया, तैमूर लंग ने उन्हें जीता, उन्होंने एक स्वतंत्र सूफ़ी धर्म तंत्र बनाया और बीसवीं शताब्दी में वो दो बार एक स्वतंत्र गणराज्य रहे. अपनी अलग संस्कृति, भाषा और धर्म वाले वीगरों का इतिहास शानदार है जो 8वीं सदी तक जाता है. हालांकि वीगर मुसलमानों के इतिहास को लेकर कुछ त्रुटियां हैं लेकन इतिहासकार मानते हैं कि उनकी जड़ें आज के दौर के मंगोलियां से मिलती हैं. फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंटीफ़िक रिसर्च से जुड़े फ्रांसीसी इतिहासकार एलेक्सेंडर पापास बीबीसी मुंडो से कहते हैं, "उनके बारे में जो सबसे पुराने सबूत हमारे पास हैं, वो उस दौर से मिलते हैं जब वो आज के दौर के मंगोलिया में रहते थे और उन्होंने उस व्यवस्था की स्थापना की थी जिसे 'खनात' कहा जाता है." आज हम जिन लोगों को मंगोलों के नाम से ज

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए अति आवश्यक सूचना

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