व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के चयन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के चयन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अंतर्गत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को एक वोकेशनल पाठ्यक्रम का चयन करते हुए उसका अध्ययन करना आवश्यक है। यदि आपके पास निम्नलिखित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में से किसी एक विषय को चुनने का विकल्प दिया जाए तो आपको  अपने लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम का चयन करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए उन बातों का वर्णन यहां पर किया गया है-


अ-डिजिटल मार्केटिंग

ब-एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट

स-ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस


यदि आपको उपरोक्त में से कोई एक विषय चुनना पड़े तो यहां विषय वार दिए गए निम्नलिखित तथ्यों को ध्यान में अवश्य ही रखें-


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अ-डिजिटल मार्केटिंग-

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यह व्यवसायिक पाठ्यक्रम निम्नलिखित विद्यार्थियों को  सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले चयन करना चाहिए-


1-बीकॉम प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत ऑफर किए जाने वाले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में से सर्वाधिक उपयुक्त रहेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य में बीकॉम के विद्यार्थियों को डिजिटल मार्केटिंग विषय को मेजर विषय के रूप में भी पढ़ना अनिवार्य है। यदि बीकॉम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी डिजिटल मार्केटिंग विषय को व्यवसायिक पाठ्यक्रम के रूप में भी लेते हैं तो इससे उनके सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दोनों ही प्रकार के ज्ञान में वृद्धि होगी और रोजगार की दृष्टि से यह विषय अत्यंत ही फायदेमंद हो सकता है।


2-ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने बीएससी प्रथम सेमेस्टर में गणित रसायन और फिजिक्स विषय लिए हैं उनके लिए भी यह पाठ्यक्रम तुलनात्मक रूप से अधिक उपयोगी रहेगा।


3-ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत मेजर विषय के रूप में अर्थशास्त्र गणित फिजिक्स विषय लिया हो उनके लिए भी यह पाठ्यक्रम तुलनात्मक रूप से लाभकारी रहेगा।


4-डिजिटल मार्केटिंग विषय लेने वाले विद्यार्थियों को कम से कम अंग्रेजी का सामान्य ज्ञान अवश्य होना चाहिए।


5-डिजिटल मार्केटिंग विषय लेने वाले विद्यार्थियों के पास इंटरनेट युक्त स्मार्टफोन एवं टेबलेट अथवा लैपटॉप या कंप्यूटर हो तो इससे उन्हें व्यवहारिक अभ्यास करने तथा डिजिटल मार्केटिंग विषय में पारंगत होने में मदद मिलेगी।


6-यह ऑफिस एवं फील्ड, दोनों ही प्रकार की गतिविधियों से संबंधित है। यदि आप इस विषय में व्यवहारिक एवं सिद्धांत दोनों ही प्रकार से पारंगत हैं तो इसमें रोजगार की पर्याप्त संभावनाएं उपलब्ध रहती है।


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ब-एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट-

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यह व्यवसायिक पाठ्यक्रम निम्नलिखित विद्यार्थियों को  सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले चयन करना चाहिए-


1-एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट एक ऐसा पाठ्यक्रम अथवा विषय है जो वाणिज्य, कला, प्रबंधन संकायों के अंतर्गत विभिन्न स्वरूपों में पढ़ाया जाता है। आता है इन सभी संकाय के विद्यार्थियों द्वारा यह विषय व्यावसायिक पाठ्यक्रम के रूप में लिया जा सकता है।


2-यह ऑफिस एवं फील्ड, दोनों ही प्रकार की गतिविधियों से संबंधित है। यदि आप इस विषय में व्यवहारिक एवं सिद्धांत दोनों ही प्रकार से पारंगत हैं तो इसमें रोजगार की पर्याप्त संभावनाएं उपलब्ध रहती है। 


3-यह विषय पाठ्यक्रम ऐसे विद्यार्थियों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा जिन्होंने मेजर विषय के रूप में अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, शारीरिक शिक्षा, भूगोल, सैन्य अध्ययन, राजनीति शास्त्र जैसे विषयों में से कम से कम कोई एक विषय मेजर विषय के रूप में लिया हो।


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स-ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस-

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यह व्यवसायिक पाठ्यक्रम निम्नलिखित विद्यार्थियों को  सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले चयन करना चाहिए-


1-बीएससी प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने जूलॉजी बॉटनी मेजर विषय के रूप में लिया है।


2-ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने अंग्रेजी हिंदी इतिहास संस्कृत जैसे विषय को मेजर विषय के रूप में लिया है।


3-इस विषय को व्यवसायिक पाठ्यक्रम के अंतर्गत चेंज करने वाले विद्यार्थियों को अंग्रेजी स्टेनोग्राफी कंप्यूटर सूचना तकनीक आदि जैसे क्षेत्रों में पारंगत होना आवश्यक है।



4-यह प्रमुख रूप से ऑफिस संबंधी  गतिविधियों से संबंधित है। यदि आप इस विषय में व्यवहारिक एवं सिद्धांत दोनों ही प्रकार से पारंगत हैं तो इसमें रोजगार की पर्याप्त संभावनाएं उपलब्ध रहती है। 

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डॉ प्रवीण कुमार -शिक्षाविद एवं काउंसलर

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