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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

FOR THOSE WHO ARE 60 yrs OLD AND ABOVE PLEASE READ THIS

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 FOR THOSE WHO ARE 60 yrs OLD AND ABOVE PLEASE READ THIS. This is for you. I really like what is said here and am going to try my best to follow it. Thank you to the person who wrote this. May God bless us all as we strive to be a blessing to others at this age. LW 🚩Between 60 and death. It's time to use the money you saved up. Use it and enjoy it. Don't just keep it for those who may have no notion of the sacrifices you made to get it. Remember there is nothing more dangerous than a son or daughter-in-law with big ideas for your hard-earned capital. 🚩Warning: This is also a bad time for investments, even if it seems wonderful or fool-proof. They only bring problems and worries. This is a time for you to enjoy some peace and quiet. 🚩Stop worrying about the financial situation of your children and grandchildren, and don't feel bad spending your money on yourself. You've taken care of them for many years, and you've taught them what you could. You gave them an educ

विश्वविद्यालय ने बढ़ाई परीक्षा फार्म भरने की तिथियां

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 विश्वविद्यालय ने बढ़ाई  परीक्षा फार्म भरने की तिथियां विस्तृत विवरण का नोटिस  यहां देखें

प्रभावी संचार के लिए बाधाओं को दूर करने के उपाय

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  प्रभावी संचार के लिए बाधाओं को दूर करने के उपाय ################################## ATN NETWORK WORLDWIDE-9760480884 ################################## प्रभावी संचार के लिए बाधाओं को दूर करने के उपाय हैं: 1. संचार से पहले विचारों को स्पष्ट करें 2. प्राप्तकर्ता की आवश्यकता के अनुसार संवाद करें 3. संवाद करने से पहले दूसरों से परामर्श करें 4. भाषा, टोन और संदेश की सामग्री से अवगत रहें 5. मदद की बातें और श्रोताओं का मूल्य 6. उचित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करें। वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के लिए भी संवाद करें। संचार का अनुसरण करें 9. एक अच्छा श्रोता बनें! 1. संचार से पहले विचारों को स्पष्ट करें: किसी अधीनस्थ को सूचित किए जाने वाले किसी भी मुद्दे को स्पष्ट और पूरी तरह से अध्ययन किया जाना चाहिए और बेहतर विश्लेषण किया जाना चाहिए। इसके अलावा, इसे इस तरह से कहा जाना चाहिए कि अधीनस्थ आसानी से इसे उसी अर्थ में समझ सकते हैं जिसमें पर्यवेक्षक इसे प्राप्त करना चाहता है। 2. प्राप्तकर्ता की आवश्यकता के अनुसार संवाद करें: अधीनस्थों की समझ और शिक्षा का स्तर प्रबंधक के लिए बहुत स्पष्ट होना चाहिए। प्रबंधक को अ

नौकरी के लिए आवेदन पत्र

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  नौकरी के लिए आवेदन पत्र ################################## नौकरी आवेदन पत्र नमूना - 1 ################################## विषय: XYZ लिमिटेड में {Sales Manager} की भूमिका के लिए आवेदन प्रिय श्री / श्रीमती / श्रीमती। {प्राप्तकर्ता का नाम}, यह बिक्री प्रबंधक की भूमिका के लिए {पोर्टल नाम} पर आपकी नौकरी की आवश्यकता के संदर्भ में है। मुझे वास्तव में विश्वास है कि मेरी योग्यता और अनुभव मुझे नौकरी के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाते हैं। मैंने {Institute Name} से सेल्स और मार्केटिंग में MBA पूरा किया। मैंने {Company Name} में एरिया सेल्स मैनेजर और असिस्टेंट मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम किया है। एरिया सेल्स मैनेजर के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने एक ग्राहक सगाई कार्यक्रम की अवधारणा की और उसे क्रियान्वित किया, जिसके परिणामस्वरूप बिक्री अधिक हुई। सहायक विपणन प्रबंधक के रूप में, मैंने एक नए उत्पाद लॉन्च की योजना और निष्पादन पर काम किया। B2B(sales and marketing) बिक्री और विपणन में 4 साल के अनुभव के साथ, मुझे इस प्रक्रिया की गहराई से समझ है। मुझे भरोसा है कि मैं नौकरी के लिए सही फिट रहूंगा

स्नातक प्रथम वर्ष प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों से वोकेशनल विषयों के संबंध में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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 एसएम डिग्री कॉलेज चंदौसी में स्नातक प्रथम वर्ष प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों से वोकेशनल विषयों के संबंध में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस संबंध में महाविद्यालय द्वारा एक सूचना निर्गत की गई है इस पत्र को यहां पर पोस्ट किया जा रहा है।

BODY LANGUAGE

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 BODY LANGUAGE ################################## Body language is essentially a complementary concept that works alongside the verbal aspect of communication strategies to generate nuanced messages. Researchers point out that people are more likely to cling to information they learn when it is shared with verbal and visual elements. According to a study by the University of California, San Francisco, 55% of messages come in the form of a verbal or visual element. When it comes to body language in business, it is defined as the use of facial expressions, posture, facial expressions and body movements. Body language is defined by the combination of body gestures, facial expressions and facial expressions in a conversation. Today, the term takes on such great meaning that none of us can survive without it. In the late 19th century, body language came into play as a means of communication between businessmen and the public. In conjunction with verbal communication, this tool can help punc

संचार कौशल

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  संचार कौशल  ################################# विषयसूची  संचार कौशल संचार कौशल के प्रकार 1. मौखिक संचार – 2. गैर-मौखिक संचार – 3. दृश्य संचार – 4. लिखित –  कुछ प्रभावी संचार कौशल हैं: संचार तत्व संचार कौशल का महत्व 1. जीवन में संचार कौशल का महत्व 2. छात्रों के लिए संचार कौशल का महत्व: 3. पेशेवरों के लिए संचार कौशल का महत्व 4. शिक्षकों के लिए संचार कौशल का महत्व सफल संचार संदेशों के लक्षण संचार कौशल में सुधार कैसे करें 1. शारीरिक भाषा में सुधार 2. टू द पॉइंट 3. सुनो 4. पढ़ें 5. चर्चा 6. सम्मानजनक बनें 7. अपने दर्शकों को जानें 9. प्रतिक्रिया प्राप्त करें 10. इस पर काम करते रहें अंतिम शब्द ################################# संचार कौशल संचार कौशल नियोक्ताओं के पसंदीदा में से हैं, चाहे उद्योग कोई भी हो। बहुत सामान्य है, यह देखते हुए कि संचार कौशल का आपके काम पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। वे परिभाषित करते हैं कि आप कैसे जानकारी देते हैं और प्राप्त करते हैं, दूसरों के साथ बातचीत करते हैं और यहां तक कि कार्यस्थल में संभावित संघर्ष जैसे मुद्दों से निपटते हैं। डिजिटल युग में, संचार कौशल और भी आव

व्यावसायिक अथवा व्यापारिक पत्र व्यवहार

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 व्यावसायिक अथवा व्यापारिक पत्र व्यवहार ################################## व्यापारिक पत्र का अर्थ (Meaning of Business Letters) व्यापारिक पत्र की परिभाषाएँ (Definitions of Business Letters) व्यापारिक पत्रों के विभिन्न रूप (Various Kinds of Business Letters) व्यापारिक पत्र के कार्य (Functions of Business Letters) व्यापारिक पत्र-व्यवहार के उद्देश्य (Objects of Business Correspondence) प्रभावी व्यापारिक पत्र-व्यवहार के मूल तत्त्व (Elements of an Impressive Business Correspondence) व्यापारिक पत्रों की उपयोगिता एवं महत्व (Utility and Importance of Business Letters) ################################## 1. व्यापारिक पत्र का अर्थ (Meaning of Business Letters): व्यापारिक पत्र-व्यवहार आधुनिक वाणिज्य की आत्मा है । बिना व्यापारिक पत्र-व्यवहार के वाणिज्य का विकास होना सम्भव नहीं है । दो व्यापारी जो एक-दूसरे से हजारों किलोमीटर दूर बैठे हैं, उनमें सम्पर्क कराने का कार्य प्राय: व्यापारिक पत्र ही करते है जिनके आधार पर वस्तुओं का व्यापार होता है इस प्रकार व्यापारिक पत्र किन्हीं दो व्यापारियों के मध्य किसी

साझेदारी

 साझेदारी साझेदारी से अभिप्राय जब दो या दो से अधिक लोगों किसी संस्था में अपने लाभ या हानि को आपस मे भागीदारी या साझेदारी (partnership) व्यावसायिक संगठन का एक स व्यक्तियों का पारस्परिक संबंध है, जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक उद्यम का गठन किया जाता है। वे व्यक्ति जो एक साथ मिलकर व्यवसाय करते है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से ‘साझेदारी’ (पार्टनरशिप) और सामूहिक रूप से ‘फर्म’ कहा जाता है। जिस नाम से व्यवसाय किया जाता है उसे ‘फर्म का नाम’ कहते हैं। सुलतान एंड कंपनी, रामलाल एंड कंपनी, गुप्ता एंड कंपनी आदि कुछ फर्मों के नाम हैं। साझेदारी फर्म, भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के प्रावधनों के अंतर्गत नियंत्रित होती है। भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 की धरा 4 के अनुसार साझेदारी उन व्यक्तियों का आपसी संबंध है, जो उन सबके द्वारा या उन सबकी ओर से किसी एक साझेदार द्वारा संचालित व्यवसाय का लाभ आपस में बांटने के लिए सहमत होते हैं। चूंकि एकल स्वामित्व व्यवसायिक संगठन की कुछ सीमाएं होती हैं; इसके वित्तीय और प्रबंधकीय संसाधन बहुत सीमित होते हैं तथा एक निश्चित सीमा से आगे इस व्यवसाय का विस्तार करना

साझेदारी फर्म का पंजीकरण

 साझेदारी फर्म का पंजीकरण साझेदारी फर्म का पंजीकरण साझेदारी फर्म ऐसे लोगों द्वारा बनाया गया एक व्यावसायिक संस्थान होता है जो व्यवसाय में होने वाले लाभ या हानि को साझा करने के लिए सहमत होते हैं। साझेदारी छोटे व्यवसाय के लिए व्यावसायिक संस्थान का बहुत अच्छा विकल्प है जिसमें दो या दो से अधिक लोग व्यवसाय में योगदान देने और लाभ या हानि साझा करने का निर्णय लेते हैं। भारत में, इसके आसानी से निर्माण और न्यूनतम नियामक अनुपालन के कारण साझेदारी बड़े पैमाने पर प्रचलित है। इसके अलावा, एलएलपी (LLP) की संकल्पना का आरंभ अभी-अभी 2010 में हुआ था, जबकि साझेदारी अधिनियम, 1932 भारत की स्वतंत्रता से पहले से ही अस्तित्व में है। इसलिए, साझेदारी फर्म सबसे अधिक प्रचलित किस्म का व्यावसायिक संस्थान है जिसमें लोगों का एक समूह शामिल होता है। साझेदारी के प्रकार साझेदारी दो प्रकार की होती है, पंजीकृत साझेदारी और गैर-पंजीकृत साझेदारी भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932, (अधिनियम) के संदर्भ में, साझेदारी के रूप में व्यवसाय शुरू करने का एकमात्र मानदंड साझेदारों के बीच एक साझेदारी डीड का निर्धारण और पालन करना होता है। इस अधिनिय

व्यावसायिक पर्यावरण

 व्यावसायिक पर्यावरण ################################## व्यावसायिक पर्यावरण के प्रकार ##################################   व्यावसायिक पर्यावरण मुख्य रूप से आन्तरिक एवं बाह्य पर्यावरण के योग से बनता है। व्यवसाय के बाह्य पर्यावरण को पुन: दो भागों में बांटा गया है। A-सूक्ष्म (Micro) पर्यावरण  B-बृहद (Macro) पर्यावरण।  व्यवसाय या फर्म के आस-पास दिखने वाले घटकों को हम सूक्ष्म (Macro) पर्यावरण कहते हैं जैसे आपूर्तिकर्ता, ग्राहक, श्रमिक, विपणन मध्यस्थ, प्रतियोगी आदि। व्यवसाय के वृहद (Micro) पर्यावरण में हम उन घटकों का अध्ययन करते हैं जो नियन्त्रण योग्य नहीं है।  इन्हें हम 1. आर्थिक पर्यावरण 2. अनार्थिक पर्यावरण के रूप में जानते हैं। व्यावसायिक पर्यावरण के प्रकार  व्यावसायिक पर्यावरण के प्रकार है: व्यावसायिक पर्यावरण के प्रकार व्यवसाय का आन्तरिक पर्यावरण  व्यवसाय के आन्तरिक पर्यावरण में अग्रलिखित घटकों का समावेश किया जाता है: व्यवसाय के उद्देश्य एवं लक्ष्य  व्यवसाय से सम्बन्धित विचारधारा एवं दृष्टिकोण, व्यावसायिक एवं प्रबंधकीय नीतियाँ,  व्यावसायिक संसाधनों की उपलब्धि तथा उपदेयता,  उत्पादन व्यव

किसी उपकर्म व्यवसाय की स्थापना तथा चयन से पूर्व किन किन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए?

 BO-B.COM. I SEMESTER-I किसी  उपकर्म व्यवसाय की स्थापना तथा चयन से पूर्व किन किन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए? ################################## किसी व्यक्ति या साहसी द्वारा एक सही व्यवसाय (उपक्रम) का चुनाव ही उसे भविष्य में मालामाल कर सकता हैं। इसके लिए नए उपक्रम के चुनाव में साहसी को किन- किन बातों पर ध्यान देना चाहिए वह काफी महत्वपूर्ण बिंदु हैं। इस पोस्ट में आप एक नए व्यवसाय शुरू करते समय किन- किन बातों पर ध्यान देना चाहिए इसके बारे में जानेंगे। ################################## नए उपक्रम के चुनाव में साहसी को किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए ################################## जैसा कि मैं आपको बताना चाहूंगा साहसी को कभी भी जल्दबाज़ी में आकर उपक्रम का चुनाव नहीं करना चाहिए बल्कि काफी सोच समझ कर करना चाहिए। सही उपक्रम का चुनाव ही आपको अधिक लाभ देगा। व्यवसायिक उपक्रम कई रूपों में होते हैं जैसे कि- एकाकी व्यापार, साझेदारी व्यापार, संयुक्त हिंदू परिवार व्यापार तथा सहकारी समिति आदि। एक साहसी को अपनी आवश्यकता के अनुसार व्यवसायिक उपक्रम का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए साहसी को निम्नलि