RSS के भगीरथ, लुप्त सरस्वती की खोज में इन दो स्वयंसेवकों का रहा बड़ा योगदान
RSS के भगीरथ, लुप्त सरस्वती की खोज में इन दो स्वयंसेवकों का रहा बड़ा योगदान सरस्वती का उदगम, उसका प्रवाह भारतीय जनमानस को आकर्षित करता रहा है. कुछ स्वयंसेवकों ने प्राचीन ग्रंथों में वर्णित पवित्र सरस्वती नदी की खोज में दिलचस्पी दिखाई. जिस सरस्वती को संगम में लुप्त बताया जाता रहा है, वो उसके प्रवाह का रास्ता जानना चाहते थे. इस काम में मोरेश्वर नीलकंठ पिंगले और दर्शन लाल जैन ने भगीरथ कोशिश की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों के इतिहास में हजारों ऐसे मेधावी प्रचारक व स्वयंसेवक संगठन जुड़े, जिनकी मेधा को बड़े अभियान नहीं मिलते तो शायद उनकी प्रतिभा के साथ अन्याय होता. ऐसे में सरसंघचालकों के पास हमेशा से ये जिम्मेदारी रही कि बड़े अभियानों, संकल्पों के लिए एकनाथ रानाडे जैसे मेधावी कर्मवीर ढूंढना और कभी कभी मेधावियों के लिए उतने बड़े संकल्प तय करना. कुछ स्वयंसेवक ऐसे भी जुड़े जो इतिहास व पुरातत्व के क्षेत्र में काम करना चाहते थे. उनको ये तो समझ आ गया था कि लगातार उनके इतिहास को तोड़मरोड़ के एजेंडे के तहत पढ़ाया गया है, लेकिन उनके प्राचानी ग्रंथों व शास्त्रों में कुछ और ही वर्णित है....