साइबर ठगी की 11 'विष कन्याएं' अंडरग्राउंड, पुलिस तलाश में निकलती इसके पहले बंद हो गए नंबर
साइबर ठगी की 11 'विष कन्याएं' अंडरग्राउंड,
पुलिस तलाश में निकलती इसके पहले बंद हो गए नंबर
पुलिस इन विष कन्याओं की तलाश में निकलती इससे पहले ही सभी के मोबाइल नंबर बंद हो गए। सभी नंबर फर्जी आईडी से लिए गए थे। गैंग लीडर हरिओम पांडेय ने ये नंबर मुहैया कराए थे। विदेश भेजने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पकड़ा जा चुका है।
साइबर ठगी की 11 'विष कन्याएं' अंडरग्राउंड, पुलिस तलाश में निकलती इसके पहले बंद हो गए नंबर
विदेश भेजने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पकड़ा जा चुका है। अब साइबर सेल गैंग की अन्य महिला सदस्यों की धरपकड़ में जुटी है। लोगों को फंसाने वाली 11 लड़कियां शहर में काम कर रही हैं। पुलिस इन विष कन्याओं की तलाश में निकलती इससे पहले ही सभी के मोबाइल नंबर बंद हो गए। सभी नंबर फर्जी आईडी से लिए गए थे जिन्हें गैंग लीडर हरिओम पांडेय ने मुहैया कराया था।
अमृतसर के विकास शर्मा से दुबई में नौकरी लगवाने के नाम पर 29 हजार की ठगी हुई थी। साइबर क्राइम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो चमनगंज के भन्नानापुरवा की अरीबा अंसारी को धरा गया। पूछताछ के बाद गैंग सरगना हरिओम पांडेय, साथी अनुराग दीक्षित उर्फ अंकुर और कीर्ति गुप्ता उर्फ स्नेहा को गिरफ्तार किया। दोनों युवतियों के घर पर कॉल सेंटर का सेटअप। अरीबा और कीर्ती ने बताया 11 और महिलाएं व लड़कियां हैं। पूर्णिमा, अनन्या और राधिका जैसे छद्म नामों से विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ठगने के लिए कॉल करती हैं।
सभी के मोबाइल नंबर क्राइम ब्रांच को दिए हैं। टीम ने जब मोबाइल नंबर की लोकेशन निकाली तो नंबर चमनगंज, बाबूपुरवा, किदवई नगर, ग्वालटोली, मेस्टन रोड समेत शहर के कई अन्य हिस्सों में सक्रिय मिले। क्राइम ब्रांच ने मंगलवार दोपहर फोन नंबर खंगाले तो मोबाइल स्विच ऑफ मिले। जांच की गई तो सभी फर्जी तरीके से दूसरे प्रदेशों से जारी हुए मिले हैं। जानकारी में आया है कि फर्जी मोबाइल नंबर गैंग लीडर हरिओम पांडेय ही सभी को उपलब्ध कराता था। टेलीग्राम के जरिए यह सिम कार्ड मंगवाए जाते हैं।
फर्जी वेबसाइट बना करते थे ठगी
हरिओम पांडेय हाल पता गाजियाबाद गैंग का लीडर है। अनुराग दीक्षित निवासी विशुनपुर थाना चौबेपुर, कीर्ति गुप्ता उर्फ स्नेहा निवासी किदवई नगर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। हरिओम ने ELITE GLOBAL CAREERS और OVER CONSULTANCY के नाम पर फर्जी बेवसाइट बनाई थी। जिससे वह लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। विदेश जाने वालों का डाटा नौकरी डाट काम से लिया जाता था।
पहले रजिस्ट्रेशन का पैसा जमा कराते
हरिओम और अनुराग सबसे पहले रजिस्ट्रेशन का पैसा जमा कराते थे। इसके बाद वेरीफिकेशन के नाम पर 50 से 70 हजार रुपये वसूलते थे। ऑफर लेटर के नाम पर एक लाख रुपये तक वसूलते थे। यह पैसा लेने के बाद फिर आवेदक को फोन रिसीव नहीं करते थे। सूत्रों ने बताया कि इन लोगों ने व्हाट्सएप पर डिसएपियर का आप्शन लगा रखा था जो एक सप्ताह बाद स्वत: डिलीट हो जाता था।
नौकरी करते ठगने लगीं
क्राइम ब्रांच के मुताबिक कीर्ति और अरीबा ने पहले नौकरी की। कुछ समय बाद जानकारी हो गई थी कि वह ठगी करने वाले गैंग से जुड़ी हैं। यह जानने के बाद भी उन्होंने गैंग के लिए काम किया। कीर्ती लोगों को स्नेहा और अरीबा स्मृति बनकर लोगों को फोन करती थीं। इतना ही नहीं, अपनी जान पहचान की कई नौकरी की इच्छा रखने वाली लड़कियों को भी इस काम में इन्हीं दोनों ने लगाया। दोनों ने अपने घर पर ही लैपटॉप के साथ पूरा सेटअप लगा रखा था।
ठगों का सरगना हरिओम बड़ा ही शातिर
जानकार बताते हैं हरिओम वर्ष 2015 में साइबर अपराध को अंजाम दिया था। उस समय उसे एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वर्ष 2021 में वह फिर सक्रिय हुआ और हरबंश मोहाल थाना अंतर्गत साइबर अपराध किया। तब स्वाट टीम ने उसे पकड़ा। वर्ष 2023 में उसने फिर से एलाइट ग्लोबल करियर्स के नाम पर वेबसाइट बनाई और ठगी करने लगा। इस बार करीब दो साल बाद वह पकड़ा गया।
एक्सेल शीट में 5400 लोगों के नाम व ठगी की रकम
दो साल में हरिओम पांडेय ने 5400 लोगों से ठगी की है। वह जिनसे ठगी करता था, उनका नाम, मोबाइल नंबर और वसूले गए रुपये का डिटेल उसने एक एक्सेल शीट में बना रखा था। क्राइम ब्रांच को यह एक्सेल शीट मिली है जिसकी जांच चल रही है।
विदेश भेजने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पकड़ा जा चुका है। अब साइबर सेल गैंग की अन्य महिला सदस्यों की धरपकड़ में जुटी है। लोगों को फंसाने वाली 11 लड़कियां शहर में काम कर रही हैं। पुलिस इन विष कन्याओं की तलाश में निकलती इससे पहले ही सभी के मोबाइल नंबर बंद हो गए। सभी नंबर फर्जी आईडी से लिए गए थे जिन्हें गैंग लीडर हरिओम पांडेय ने मुहैया कराया था।
अमृतसर के विकास शर्मा से दुबई में नौकरी लगवाने के नाम पर 29 हजार की ठगी हुई थी। साइबर क्राइम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो चमनगंज के भन्नानापुरवा की अरीबा अंसारी को धरा गया। पूछताछ के बाद गैंग सरगना हरिओम पांडेय, साथी अनुराग दीक्षित उर्फ अंकुर और कीर्ति गुप्ता उर्फ स्नेहा को गिरफ्तार किया। दोनों युवतियों के घर पर कॉल सेंटर का सेटअप। अरीबा और कीर्ती ने बताया 11 और महिलाएं व लड़कियां हैं। पूर्णिमा, अनन्या और राधिका जैसे छद्म नामों से विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ठगने के लिए कॉल करती हैं।
सभी के मोबाइल नंबर क्राइम ब्रांच को दिए हैं। टीम ने जब मोबाइल नंबर की लोकेशन निकाली तो नंबर चमनगंज, बाबूपुरवा, किदवई नगर, ग्वालटोली, मेस्टन रोड समेत शहर के कई अन्य हिस्सों में सक्रिय मिले। क्राइम ब्रांच ने मंगलवार दोपहर फोन नंबर खंगाले तो मोबाइल स्विच ऑफ मिले। जांच की गई तो सभी फर्जी तरीके से दूसरे प्रदेशों से जारी हुए मिले हैं। जानकारी में आया है कि फर्जी मोबाइल नंबर गैंग लीडर हरिओम पांडेय ही सभी को उपलब्ध कराता था। टेलीग्राम के जरिए यह सिम कार्ड मंगवाए जाते हैं।
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