झूठे सबूत और गलत साक्ष्य गढ़ने के परिणाम और किसी को झूठी गवाही देने के लिए धमकाना: BNS, 2023 के तहत धारा 230 - धारा 232
झूठे सबूत और गलत साक्ष्य गढ़ने के परिणाम और किसी को झूठी गवाही देने के लिए धमकाना: BNS, 2023 के तहत धारा 230 - धारा 232 भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023), जो 1 जुलाई, 2024 से लागू हुई, ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को बदल दिया है। इसमें कई प्रावधान दिए गए हैं जो न्याय प्रणाली की ईमानदारी को बनाए रखने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। इसमें धारा 230, धारा 231, और धारा 232 विशेष रूप से उन अपराधों से संबंधित हैं, जिनमें झूठे सबूत दिए जाते हैं या गढ़े जाते हैं, और जिसके परिणामस्वरूप गलत दोषसिद्धि हो सकती है, खासकर उन मामलों में जो गंभीर अपराध हैं। ये प्रावधान झूठी गवाही (Perjury) और न्यायिक प्रक्रिया पर इसके प्रभाव को गंभीरता से लेते हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 धारा 230: झूठे सबूत जिससे मौत की सज़ा (Capital Offence) हो सकती है धारा 230(1) उस व्यक्ति के लिए सज़ा का प्रावधान करती है, जो जानबूझकर झूठे सबूत देता है या गढ़ता है, यह जानते हुए कि इसके परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति को उस अपराध के लिए दोषी ठहराया जा सकता है जो कानून के तहत...
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