ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर सीएम योगी का बड़ा प्लान, आने वाले चार सालों में करने जा रहे हैं ये काम

 


ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर सीएम योगी का बड़ा प्लान, आने वाले चार सालों में करने जा रहे हैं ये काम 




सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को निर्देश दिया है कि यूपी में 77.7% जनसंख्या गांवों में है इसलिए उन्नत भारत अभियान स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा शिक्षा संस्थानों को ग्रामीण इलाकों से जोड़ना चाहिए।


ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर सीएम योगी का बड़ा प्लान, आने वाले चार सालों में करने जा रहे हैं ये काम 



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को निर्देश दिया है कि यूपी में 77.7% जनसंख्या गांवों में है इसलिए उन्नत भारत अभियान स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा शिक्षा संस्थानों को ग्रामीण इलाकों से जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले चार वर्षों में प्रदेश में 5000 अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल होंगे। हर जिले में एक मॉडल कम्पोजिट स्कूल विकसित किया जाएगा। वहीं उच्च शिक्षण संस्थानों को तत्काल नैक ग्रेडिंग करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि प्रॉक्सी टीचर की एक भी गतिविधि स्वीकार्य नहीं है।


शिक्षा संस्थान सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र न बने


मुख्यमंत्री राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के कई शैक्षिक संस्थान सराहनीय काम कर रहे हैं। उनके बेस्ट प्रैक्टिसेज को शासकीय संस्थानों में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने स्कूली शिक्षा में निजी निवेश को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए और कहा कि यह देखना होगा कि अकादमिक संस्थान डिग्री बांटने के केंद्र बन कर न रह जाएं। मुख्यमंत्री ने रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि उद्योगों के साथ अकादमिक संबंधों को बढ़ाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों द्वारा गांवों में लघु उद्योग को बढ़ावा दिया जाए।


स्कूली शिक्षा में निजी निवेश को मिले प्रोत्साहन


मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण की एक हाइब्रिड प्रणाली विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कुशल संसाधन व प्रभावी गवर्नेंस के लिए यथाशीघ्र राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन किया जाए। हर सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास और बुक बैंक की व्यवस्था हो। अभ्युदय स्कूल हर ब्लॉक में 5-6 खोले जाएंगे, इसके लिए बजट की कमी नहीं होगी।



प्रयोग आधारित हो शिक्षण व्यवस्था 


माध्यमिक शिक्षा में आपदा प्रबन्धन, सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग, डाटा सिक्योरिटी, ट्रैफिक मैनेजमेंट, फायर सेफ्टी जैसे विषयों की प्रारम्भिक जानकारी भी दी जाए। माध्यमिक कक्षाओं में प्रयोग आधारित शैक्षणिक व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए। सभी राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और सभी 27,907 स्कूलों का अलग-अलग वेबपोर्टल हो। व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ा जाए और स्थानीय मांग और आवश्यकताओं को देखते हुए ट्रेड्स का निर्धारण किया जाए। सेवा, विनिर्माण और कृषि सेक्टर पर फोकस करें। हर स्कूल में ओडीओपी का एक ट्रेड हो। 60 वर्ष से पुराने माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार की बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए। 


विश्वविद्यालयों में समाज के जुड़े विषयों पर हो शोध


उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में स्थानीय समस्याओं पर अन्तर्विषयी शोध कार्यों को प्रोत्साहित किया जाए। शोध के विषय स्थानीय समस्याओं, राष्ट्रीय और सामाजिक स्तर पर प्रासंगिक हों। ग्लोबल सिग्निफिकेन्ट रिसर्च को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने अगले सत्र से परास्नातक स्तर पर भी एनईपी को प्रभावी करने के निर्देश दिए। 


पूर्व कुलपति ने किया प्रस्तुतिकरण


यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो डीपी सिंह ने यूपी की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। उन्होंने बताया कि एनईपी 2020 में केन्द्र व राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में देश की 6 प्रतिशत जीडीपी के बराबर शिक्षा क्षेत्र में निवेश करेगी। हमें 2035 तक उच्च शिक्षा में जीईआर को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा। इसके लिए नए शिक्षा संस्थानों और पुराने संस्थानों का विस्तार करना होगा। पांच एजुकेशन जोन चिह्नित कर प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के उत्कृष्ट सरकारी और निजी संस्थान स्थापित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। हर जिले में एक मल्टीडिस्प्लिनरी एजुकेशन एण्ड रिसर्च यूनिवर्सिटी की स्थापना हो।


COURTESY-HINDUSTAN 



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