उत्तर प्रदेश को जानो (KNOW THE UTTAR PRADESH) भाग-3

 उत्तर प्रदेश को जानो (KNOW THE UTTAR PRADESH)

भाग-3 

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उत्तर प्रदेश राज्य का संक्षिप्त परिचय


उत्तर प्रदेश नाम से राज्य का गठन 24 जनवरी 1950 को हुआ तथा राज्य का पुनर्गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ। उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी लखनऊ और न्यायिक राजधानी प्रयागराज है। उत्तर प्रदेश का प्राचीन नाम संयुक्त प्रान्त (यूनाइटेड प्राविन्स) था। जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य व क्षेत्रफल की दृष्टि से चौथा स्थान है। यह भारत के उत्तरी भाग में स्थित है और उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और नेपाल के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सीमा साझा करता है। यह राज्य 238566 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ की राजकीय भाषा हिंदी है।


उत्तर प्रदेश की स्थापना 1950 में हुई थी।


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है।


उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं।


लोकसभा सीटों की संख्या 80 तथा राज्यसभा सीटों की संख्या 31 है।


उत्तर प्रदेश की राजकीय भाषा हिंदी है।


यहां का राष्ट्रीय पशु बारहसिंघा, राष्ट्रीय पक्षी सारस क्रेन है।


राष्ट्रीय वृक्ष अशोक तथा राष्ट्रीय पुष्प पलाश है।


उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है।


उत्तर प्रदेश में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत 10 मई 1857 में मेरठ से हुई थी।


उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या नगर सरयू नदी के किनारे बसा है।


उत्तर प्रदेश में भातखण्डे संगीत संस्थान विश्वविद्यालय 2001 में बना था।


उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध बुलन्द दरवाजा फतेहपुर सिकरी में स्थित है


उत्तर प्रदेश का इतिहास | History of Uttar Pradesh (UP)


यहां पर उत्तर प्रदेश के इतिहास (History of Uttar Pradesh) से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। यहाँ आप उत्तर प्रदेश के इतिहास की जानकारियों का अवलोकन कर सकते हैं।


उत्तर प्रदेश को भारत का सांस्कृतिक गढ़ माना जाता है। उत्तर प्रदेश में समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है और यह बताना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश का इतिहास वर्तमान उत्तर प्रदेश की जीवन शैली को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत पुराना और आकर्षक है और इसका भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर बहुत प्रभाव पड़ा।


उत्तर प्रदेश के इतिहास को उस काल में खोजा जा सकता है जब आर्यों ने अपना आगमन किया और जिसे वे “मध्यदेश” या मध्य देश कहते थे, में बस्तियाँ स्थापित करना शुरू किया। उत्तर प्रदेश में समय के साथ-साथ कई राज्यों पर शासन किया गया। कोशों का नियम विशेष महत्व है। राजा दशरथ और उनके उत्तराधिकारी राम राज्य के शानदार शासक थे।


1 शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य में यह कुछ समय था जब उत्तर प्रदेश ने भगवान बुद्ध के आगमन और बौद्ध धर्म के प्रसार को देखा। भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला धर्मोपदेश दिया, उस समय मगध शासन था। बाद में सत्ता को नंदा राजवंश और फिर मौर्यों में स्थानांतरित कर दिया गया। हालाँकि यह शहर हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान अपने गौरव के शिखर तक पहुँच गया था।


उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का मुस्लिम शासन के आगमन के साथ बहुत कुछ है। वह काल राजपूतों की अधीनता का गवाह था, जिसकी सत्ता राजस्थान के कुछ इलाकों तक सीमित थी। उत्तर प्रदेश मुगल शासन के दौरान और विशेष रूप से सम्राट अकबर के शासन के दौरान समृद्धि के चरम पर पहुंच गया। यह मुगल शासन के दौरान ही उत्तर प्रदेश ने अपने कुछ सबसे शानदार स्मारकों के निर्माण को देखा था जिनके नाम उत्तर प्रदेश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित किए गए हैं।


समय के साथ, उत्तर प्रदेश ने मुगल शासन की पतनशीलता और अंग्रेजों के आगमन को देखा। मुगल प्रभाव दोआब क्षेत्र तक ही सीमित था। 1857 के सिपाही विद्रोह में उत्तर प्रदेश की भी मुख्य भूमिका थी।


ईसापूर्व छटी और चौथी सदी के दौरान गौतम बुद्ध ने भी वाराणसी के सारनाथ में पहली बार धर्मोपदेश किया था।

गौतम बुद्ध ने बौध्द धर्म की स्थापना की थी। बुद्ध द्वारा कुशीनगर पर परिनिर्वाण लिया गया।


12 वी सदी में मुज़ल्दीन मुहम्मद इब्न सैम (मुहम्मद घुरी) ने उत्तर प्रदेश के गहड़वालों को पराजित किया।


करीब 600 सालों तक उत्तर प्रदेश में केवल मुस्लीम वंश के लोगो का ही शासन रहा।


सन 1526 में बाबर ने दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोधी को हराकर दिल्ली में मुस्लीम वंश के शासन की स्थापना की।

उत्तर प्रदेश में 200 सालों से अधिक समय तक मुगलों ने शासन किया।


अकबर बादशाह ने आगरा के नजदीक में अपनी नयी राजधानी फतेहपुर सिकरी की स्थापना की थी।


अकबर के पोते शाहजहाँ ने पत्नी की याद में आगरा में दुनिया की सबसे खुबसूरत ईमारत ताज महल बनाया था।


18 वी सदी और 19 वी सदी के मध्य के 75 साल के समय में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने उत्तर प्रदेश का पूरा हिस्सा कब्जे में कर लिया था।


सन 1950 में भारत का नया संविधान बनने के बाद संयुक्त प्रान्त का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया।


उत्तर प्रदेश में प्रथम-First in Uttar Pradesh (UP)

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प्रथम महिला मुख्यमंत्राी – सुचेता कृपलानी

प्रथम महिला राज्यपाल – श्रीमती सरोजनी नायडू

प्रथम मुख्यमंत्री – श्री गोविन्द बल्लभ पंत

प्रथम हिंदी दैनिक समाचार पत्र हिन्दोस्तान का प्रकाशन – 1887 ई मे प्रतापगढ़ में

प्रथम हिंदी साप्ताहिक ‘बनारस अखबार’ का प्रकाशन – जनवरी 1945 में काशी बनारस में

प्रथम अंग्रेजी दैनिक ‘लीडर’ का प्रकाशन – सन 1990 ई में पं. मदनमोहन मालवीय ने इलाहाबाद में

प्रथम विश्व विदयालय – इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्व विदयालय का स्थापना वर्ष – 1887 ई

प्रथम संस्कृत महाविदयालय की स्थापना – 1791 में बनारस में रेजिडेंट डेकन ने

उत्तर प्रदेश तथा भारत की आर्मी की प्रथम महिला ब्रिगेड – रानी झांसी

रानी झांसी ब्रिगेड कब बनी – 23 अक्टूबर 1943 ई

हिंदी के प्रथम गंभीर चिन्तन निबंधकार और आलोचक – आचार्य रामचंद्र शुक्ल

प्रथम अनुसूचीत जाती की पहली महिला मुख्यमंत्री – मायावती

भारत वर्ष तथा उत्तर प्रदेश में 1956 ई मे प्रथम खेलकूद परिषद की स्थापना हुई

प्रदेश की पहली महिला वकील – कारनेलिया सोराबजी

भारत वर्ष तथा उत्तर प्रदेश में सर्व प्रथम ट्रैक्टर का प्रयोग उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खोरी में सरदार जोगेंद्र सिंह ने 1904 में किया था

भारत वर्ष तथा उत्तर प्रदेश में सबसे पहली सीधी ट्रंक डयलिंग सेवा लखनऊ कानपुर के बीच 26 नवम्बर 1960 ई को शुरु की गई थी

भारत का पहला ग्रामीण बैंक मुरादाबाद और गोरखपुर में 2 अक्टुंबर 1975 को खुला

भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क 1936 में स्थापित हेली पार्क है जिसे आजादी के बाद रामगंगा पार्क नाम मिला, और आज जिसे जिम कार्बेट नेशनल पार्क ( जो अब उत्तराखण्ड में है ) कहा जाता है

भारत में सर्व प्रथम उर्दू अकॅडेमी की शुरुवात उत्तर प्रदेश में हुई


उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ-Rivers in UP

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रामगंगा नदी (Ramganga River)

उद्गम स्थल – रामगंगा नैनीताल जनपद के समीप

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड

लम्बाई (किमी) –  590

सहायक नदियाँ – कोह


गोमती नदी (Gomti River)

उद्गम स्थल – पीलीभीत जनप

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश

लम्बाई (किमी) –  940

सहायक नदियाँ – सई, जोमकाई, बर्ना, गच्छई, चुहा


गंगा नदी (Ganga River)

उद्गम स्थल – केदारनाथ चोटी के उत्तर में गऊमुख (गौमुख) नामक स्थान पर 6,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हिमानी

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पं० बंगाल एवं बांग्लादेश

लम्बाई (किमी) –  2,655

सहायक नदियाँ – अलकनन्दा, भागीरथी, रामगंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, गण्डक, कोसी


यमुना नदी (Yamuna River)

उद्गम स्थल – बन्दरपूँछ के पश्चिमी ढाल के जमुनोत्री (यमुनोत्री) नामक स्थान पर 6,315 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हिमानी

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, दिल्ली

लम्बाई (किमी) –  1,376

सहायक नदियाँ – गिरी, असम, चम्बल, बेतवा, केन


कैन नदी (Cane River)

उद्गम स्थल – सतना जनपद (मध्य के प्रदेश) में कैमूर पहाड़ियाँ

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – मध्य प्रदेश तथा दक्षिणी उत्तर प्रदेश

लम्बाई (किमी) –  360


गण्डक नदी (Gandak River)

उद्गम स्थल – तिब्बत-नेपाल सीमा पर धौलागिरि पर्वत श्रेणी

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – नेपाल में सालिग्रामी नाम से उत्तर प्रदेश-बिहार की सीमा रेखा और बिहार का मैदानी क्षेत्र

लम्बाई (किमी) –  300 (भारत)

सहायक नदियाँ – काली गण्डक, त्रिशूली गंगा


राप्ती नदी (Rapti River)

उद्गम स्थल – रूकुमकोट (नेपाल)

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तरी-पूर्वी उत्तर प्रदेश

लम्बाई (किमी) –  640


घाघरा (सरयू) नदी (Ghagarra (Saryu River)

उद्गम स्थल – तिब्बत में मानसरोवर के समीप भारचाचुंगर मिनद राक्षसताल

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – नेपाल, उत्तर प्रदेश

लम्बाई (किमी) –  1,080

सहायक नदियाँ – राप्ती, शारदा, छोटी गण्डक


शारदा नदी (काली नदी) (Sharda (Kali River)

उद्गम स्थल – तिब्बत के सीमान्त पूर्वोत्तर कुमायूँ के निकट मिलाप हिमनद

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तराखण्ड

लम्बाई (किमी) –  480

सहायक नदियाँ – धर्या, लिसार, सरयू, पूर्वी रामगंगा, ऊल, हिमनद चौका, दहावर, सुहेली


चम्बल नदी (Chambal River)

उद्गम स्थल – मध्य प्रदेश में मऊ के समीप विंध्य पर्वतमाला की जनापाव पहाडी

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम तथा मन्दसौर जनपद तथा मुरैना जनपद की उत्तरी सीमा, राजस्थान के कोटा, बूंदी, धौलपुर जनपद

लम्बाई (किमी) –  966

सहायक नदियाँ – काली सिन्ध, सिप्ता, पार्वती, बनास, नेवाज, क्षिप्रा, दूधी


सोन (स्वर्ण नदी) (Son (Svarn River)

उद्गम स्थल – अमरकण्टक की पहाड़ियों में सोनभद्रं जनपद

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – मध्य प्रदेश के सीथी और रीवा जनपद तथा बिहार के पालामऊ, औरंगाबाद तथा भोजपुर जनपद

लम्बाई (किमी) –  784

सहायक नदियाँ – महानदी, बांस, गोफ्त, रिहन्द, कांकर, उत्तरी कोयल, कांहर, घघर


बेतवा नदी (Betwa River)

उद्गम स्थल – रायसेन जनपद (मध्य प्रदेश) के कुमरा गाँव के समीप विंध्य पर्वतमाला

प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – भोपाल, विदिशा, गुना, टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) तथा ललितपुर, झाँसी तथा हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)

लम्बाई (किमी) –  480

सहायक नदियाँ – धसान, बीना


उत्तर प्रदेश की प्रमुख झीलें / ताल- Lakes in Uttar Pradesh

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उत्तर प्रदेश की प्रमुख झीलें / ताल निम्नलिखित हैं:-


पार्वती व अरगा ताल – गोंडा

जिर्गो व सिरसी जलासय, टांडा डरती ताल – मिर्ज़ापुर

भुगेताल व विसैथाताल – रायबरेली

लिलौर झील – बरेली

रामगढ़ताल व चिलुवाताल – गोरखपुर

बखिरा झील – संत कबीर नगर

करेला व इतौजा झील – लखनऊ

नवाबगंज झील, कुंद्रा समुन्द्र – उन्नाव

पयाग झील – बहराइच

बड़ाताल – शाहजहाँपुर

ठिठोरा झील, मोराय ताल – फतेहपुर

बेती, अजगरा व नइया झील – प्रतापगढ़

सुरहा ताल – बलिया

कीमठ ताल – आगरा

शेख झील – अलीगढ़

मोती और गौर झील – रामपुर

शुक्रताल – मुज़फ्फरनगर

रामताल – मेरठ

गोविन्द बल्लभ पंत सागर – सोनभद्र

अलवारा झील (विदेशी पक्षियों का आगमन स्थल) – कोशाम्बी

बल हापारा – कानपुर

लक्ष्मीताल, बरुआसागर व भसनेह जलाशय  – झाँसी

सागर ताल – बदायु

औंधी ताल – वाराणसी

राजा का बांध, लौंधी व भोजपुर ताल – सुल्तानपुर

नौह झील – मथुरा

दरवन झील – फैज़ाबाद

मदन सागर – महोबा

भीखा झील – इटावा

सीता कुण्ड (मिश्रिख), चक्र कुण्ड (नौमिष) – सीतापुर

सीताकुण्ड, भरतकुण्ड – अयोध्या

राधाकुण्ड, श्यामकुण्ड, गोविन्द कुण्ड व मानसी गंगा कुण्ड – गोवर्धन, मथुरा

कोकिला कुण्ड, कृष्णा कुण्ड – कोकिला वन, मथुरा

पंगैली फुल्हर या गोमती ताल – पीलीभीत

दहर झील, भिजवान झील – हरदोई

देवरिया ताल – कनौज



उत्तर प्रदेश के प्रमुख बांध 

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उत्तर प्रदेश के प्रमुख बांध (Dams in Uttar Pradesh) निम्नलिखित हैं:


बांध -------------------नदी -------------------- स्थान


गोविन्द बल्लभ पन्त सागर (रिहंद) बाँध रिहंद  पिपरी (सोनभद्र)

राजघाट बाँध बेतवा ललितपुर

गोविन्द सागर बाँध शहजाद  ललितपुर

मौदहा बाँध बिरमा हमीरपुर 

रामगंगा बाँध रामगंगा धामपुर

काठी बाँध रामगंगा  बिजनौर

आहरौरा बाँध गराई  मिर्जापुर 

ओबरा बाँध रिहंद सोनभद्र 

शजनाम बाँध शजनाम ललितपुर 

मेजा बाँध बेलन  मिर्जापुर 

माताटीला बाँध बेतवा झांसी 

परीछा बाँध बेतवा  झाँसी 

अर्जुन बाँध अर्जुन  महोबा 

रोहिणी बाँध रोहिणी  ललितपुर 

जमनी बांध जामनी ललितपुर

सुकमा-डुकमा बाँध बेतवा झांसी

शहजाद बाँध शहजाद ललितपुर 

कालागढ़ बाँध रामगंगा  कालागढ़

पथराई बाँध पथारी और सुखनाई झांसी

चंद्रप्रभा बाँध चंद्रप्रभा  चंदौली 

झलारपुर बाँध करदिया महोबा 

कनहर बाँध कनहर सोनभद्र 


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उत्तर प्रदेश में सिंचाई – Irrigation in Uttar Pradesh

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उत्तर प्रदेश में सिंचाई से सम्बंधित जानकारी निम्नलिखित है:


गुरसराय नहर और मंदर नहर, माता टीला बाँध (रानी लक्ष्मीबाई बाँध) से निकलने वाली दो प्रसिद्द नहरें हैं।

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दो ऐसे राज्य हैं जो केन नहर परियोजना में शामिल हैं।

हथनी कुंड बैराज (ताजे वाला बैराज) पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमांचल प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।

बाण सागर बाँध एवं नहर परियोजना तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना है।

राजघाट बाँध एवं नहर परियोजना दो राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरयू नहर परियोजना 1977-78 से निर्माणाधीन है।

सरयू नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना 2012 में घोषित किया गया।

देश में उत्तर प्रदेश का कुल कृषि क्षेत्र में सिंचित प्रतिशता के दृष्टि से तीसरा स्थान है।

प्रदेश के पश्चिमी भाग में नलकूपों की गहनता सर्वाधिक है।

उत्तर प्रदेश में शुद्ध सिंचित भूमि के 5 प्रतिशत भू-भाग की सिंचाई नलकूपों से की जाती है।

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक (लम्बाई में) नहरें रायबरेली जिले (2,843 किमी) में हैं।

उत्तर प्रदेश में सबसे कम (लम्बाई में) नहरें अमरोहा (52 किमी) में हैं।

उत्तर प्रदेश में नलकूपों से सिंचाई का प्रचलन 1930 के आस-पास शुरू हुआ।

उत्तर प्रदेश में की जाने वाली सिंचाई में सर्वाधिक सिंचाई नलकूपों से की जाती है।

उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना सन 1985 से शरू की गयी।


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उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल 

Tourist Places in UP

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 उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:


मथुरा     

कृष्ण जन्मभूमि · द्वारिकाधीश मन्दिर · विश्राम घाट · केशी घाट · बांके बिहारी मन्दिर · गोविन्द देव मन्दिर · मदन मोहन मन्दिर · रंगनाथ जी मन्दिर · इस्कॉन मन्दिर · कुसुम सरोवर · मानसी गंगा · राधाकुण्ड · संकेत · हरिदेव जी मन्दिर · दानघाटी · ब्रह्माण्ड घाट · दाऊजी का मन्दिर · प्रेम मन्दिर


इलाहाबाद            

संगम · गुरावली घाट · अल्फ़्रेड पार्क · इलाहाबाद क़िला · कड़ा · अशोक स्‍तम्‍भ · स्वराज भवन · आनंद भवन · गढ़वा · हनुमान मंदिर · इलाहाबाद संग्रहालय


गाज़ियाबाद          

गणमुक्तिश्वर महादेव का मंदिर · गंगा मंदिर · मीराबाई की रेती · ब्रज घाट · झारखंडेश्वर महादेव · कल्याणेश्वर महादेव का मंदिर


वाराणसी              

विश्वनाथ मन्दिर · भारत माता मन्दिर · दूध का कर्ज़ मंदिर · अन्‍नपूर्णा मंदिर · साक्षी गणेश मंदिर · काशी विशालाक्षी मंदिर · केदारेश्‍वर मंदिर · विष्‍णु चरणपादुका · भैरव मंदिर · सीता मंदिर · मारकण्डेय महादेव मंदिर · विंध्‍याचल मंदिर · काशी हिन्दू विश्वविद्यालय · भारत कला भवन वाराणसी · धूतपाप


सारनाथ

सारनाथ संग्रहालय · अशोक स्तम्भ धर्मराजिका स्तूप · मूलगंध कुटी विहार · चौखंडी स्तूप · डीयर पार्क · धमेख स्तूप


जौनपुर  

अटाला मस्जिद · जामी मस्जिद · झंझीरी मस्जिद · लाल दरवाज़ा मस्जिद


मेरठ      

पांडव क़िला (लाक्षागृह) · शहीद स्मारक · राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय · शाहपीर मक़बरा · सेन्ट जॉन चर्च · नंगली तीर्थ · सूरज कुंड · जामा मस्जिद · आबू मक़बरा · विक्टोरिया पार्क · कालीपलटन मंदिर · पंजाब रेजिमेन्ट गुरुद्वारा · कम्पनी बाग़ · माल रोड़ · शहीद स्मारक माल रोड़ · बीस शिलालेख · जैन श्वेतांबर मंदिर · हस्तिनापुर तीर्थ · रोमन कैथोलिक चर्च · द्रौपदी की रसोई · हस्तिनापुर अभ्यारण्य · सरधना · बेगम का महल · रेसकोर्स


बहराइच

चित्तूर झील · जंगलीनाथ मंदिर · सीता दोहर झील · कैलाशपुरी बांध · कतरनी अभयारण्य


सीतापुर

नैमिषारण्य · हरगांव · ललिता देवी मंदिर · बिसवाँ · बाड़ी


फ़ैज़ाबाद              

गुलाबबाड़ी · कलकत्ता क़िला · गुप्तार घाट · ऋषभदेव राजघाट उद्यान


मिर्ज़ापुर

टांडा जलप्रपात · लहोरियादह


कुशीनगर             

निर्वाण स्तूप · परिनिर्वाण मन्दिर


गोंडा      

जमदग्निकुण्ड · दुखहरन नाथ मन्दिर · पृथ्वीनाथ मन्दिर


आगरा   

ताजमहल · फ़तेहपुर सीकरी · लाल क़िला · जोधाबाई का महल · सिकंदरा · जामा मस्जिद · एतमादुद्दौला का मक़बरा · चीनी का रोज़ा · मेहताब बाग़ · दयाल बाग़, आगरा


लखनऊ

घंटाघर · चारबाग़ रेलवे स्टेशन · छोटा इमामबाड़ा · जामा मस्जिद · पिक्चर गैलरी लखनऊ · बड़ा इमामबाड़ा · बनारसी बाग़ · मोती महल · रूमी दरवाज़ा · रेसीडेंसी संग्रहालय · कालका बिन्दादीन ड्योढ़ी · प्रांतीय हाइजीन इंस्टीट्यूट · लाल बारादरी ‎· बटलर पैलेस · लाल पुल · छतर मंज़िल · अकबरी दरवाज़ा · शेर दरवाज़ा


हरदोई   

हरदोई पर्यटन · साण्डी पक्षी अभयारण्य · श्रवण देवी मंदिर · सर्वोदय आश्रम टडियांवा · विक्टोरिया भवन · सकहा शंकर मंदिर · गाँधी भवन· हत्याहारण तीर्थ


कौशांबी

शीतला माता मन्दिर


बुलन्दशहर          

बेलोन मंदिर · कर्णवास · अहर · सिकंदराबाद


कानपुर 

राधा कृष्ण मंदिर · कानपुर संग्रहालय · फूल बाग़


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उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण मंदिर/पुरातत्व स्मारक/साइट  OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO

उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण मंदिर/पुरातत्व स्मारक/साइट (Temples in UP) निम्नलिखित हैं:


मंदिर/पुरातत्व स्मारक/साइट ------------स्थान

ताज महल आगरा

फतेहपुर सीकरी आगरा

आगरा का किला आगरा

अकबर का मकबरा आगरा

कशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी

तुलसी मानस मंदिर वाराणसी

संकट मोचन वाराणसी

सारनाथ मंदिर वाराणसी

मणिकर्णिका घाट वाराणसी

भारत माता मंदिर वाराणसी

चुनर का किला वाराणसी

धमक स्तूप वाराणसी

हनुमान सेतु मंदिर लखनऊ

बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ

रेज़ीडेंसी लखनऊ

विक्टोरिया मेमोरियल लखनऊ

श्री राधा गोविन्द मंदिर वृन्दावन

राम जन्मभूमि अयोध्या

त्रिवेणी संगम इलाहाबाद

बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन

झाँसी का किला झांसी

जमा मस्जिद जोनपुर

कृष्ण जन्मभूमि मथुरा


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उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतीक चिन्ह 

Uttar Pradesh State Symbols

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उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतीक चिन्ह (UP State Symbols) निम्न प्रकार हैं:


राजकीय चिन्ह: मछली एवं तीर कमान

इसमें एक वृत्त में ऊपर धनुष, बीच में बहती गंगा-यमुना नदियां और नीचे दायें-बायें दो मछलियाँ हैं।


राज्य पशु – बारहसिंघा

इसका अंग्रेजी नाम स्वैम्प डियर और वैज्ञानिक नाम रूसरवस डुवाओसेली है। इस जीव की ऊँचाई 130-135 सेमी, वजन लगभग 180 किग्रा तथा सींगों की औसत लम्बाई 75 सेमी. होती है।


राज्य मछली – मोय, चीतल

इसका अंग्रेजी नाम चीतल और वैज्ञानिक नाम चिताला है। यह भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कोसी, गोमती, गेरुआ, सतलुज, केन, बेतवा एवं महानदी नदियों में पायी जाती है। इसकी अधिकतम लम्बाई 150 सेमी. एवं अधिकतम वजन 14 किग्रा. होता है।


राज्य पक्षी – सारस

इसका अंग्रेजी नाम सारस, क्रेन और वैज्ञानिक नाम ग्रूस एंटीगोन है। यह लगभग 6 फीट ऊँचाई तथा 8 फीट तक पंखों के विस्तार के साथ कद में उड़ने वाले पक्षियों में सबसे ऊँचा पक्षी है। सारस उत्तरी एवं केन्द्रीय भारत, पाकिस्तान तथा नेपाल देश में पाए जाते है।


राज्य वृक्ष – अशोक

इसका अंग्रेजी नाम अशोक और वैज्ञानिक नाम सराका असोका है। स्थानीय भाषा में इसे सीता अशोक भी कहा जाता है। सामान्यतः यह वृक्ष सघन छत्र होने के कारण उद्यानों, मार्गों के किनारे, आवास परिसरों व मंदिरों में लगाये जाते हैं।


राज्य पुष्प – पलाश, ढाक, टेसू

इसका अंग्रेजी नाम फ्लेम ऑफ़ द फॉरेस्ट और वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा है। इसके डेढ़ से दो इंच आकार के नारंगी लाल रंग के पुष्प फरवरी से मार्च के मध्य निकलते हैं।


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उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ

Tribes of Uttar Pradesh

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 उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ निम्न प्रकार हैं:


उत्तर प्रदेश की प्रमुख अनुसूचित जनजातियाँ बुक्सा, थारू, राजी, जौनसारी, खरवार , महिगीर, गोंड, राजगोंड, सहरिया, पहरिया, बैगा, पांखा, ओझा, धुरिया, नायक, पथारी, अगरिया, पटारी, चेरो, भुइया आदि है|



1 थारू जनजाति (Tharu Tribes)

2 बुक्सा जनजाति (Buksa Tribe)

3 जौनसारी जनजाति

4 माहीगीर जनजाति (Mahigeer Tribal)

5 खरवार जनजाति (Kharwar Tribe)

6 उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली आदिवासी जनजातियों की तालिका


1-थारू जनजाति (Tharu Tribes)-

थारू जनजाति उत्तर प्रदेश में गोरखपुर एवं तराई क्षेत्र में निवास करती है।

ये किरात वंश (Kirat Dynasty) के हैं तथा कई उपजातियों में विभाजित हैं। 

कुछ विद्वानों के विचार से ‘थार’ का तात्पर्य है ‘मदिरा’ और ‘थारू’ का अर्थ ‘मदिरापान करने वाला’। चूंकि ये मदिरा का सेवन पानी की तरह करते हैं, अतः थारू कहलाते हैं।

कुछ विद्वानों का कहना है कि थारू जाति के लोग राजपूताना के ‘थार मरुस्थल से आकर यहाँ बसे हैं’ अतः थारू कहलाते हैं।

थारू जाति के लोग कद में छोटे, चौडी मुखाकृति और पीले रंग के होते हैं। पुरुषों से स्त्रियाँ कहीं अधिक आकर्षक और सुन्दर होती हैं।

थारू पुरुष लंगोटी की भाँति धोती लपेटते हैं और बड़ी चोटी रखते हैं, जो हिन्दुत्व का प्रतीक है।

थारू स्त्रियाँ रंगीन लहँगा, ओढ़नी, चोली और बूटेदार कुर्ता पहनती हैं।

थारू जाति के लोग अपना घर मिट्टी और ईंटों का नहीं बनाते हैं। इनके मकान लकड़ी के लट्ठों और नरकुलों के द्वारा बनाये जाते हैं।

थारूओं का भोजन मुख्य रूप से चावल है। मछली, दाल, गाय-भैंस का दूध, दही तथा जंगल से आखेट किये जन्तुओं का माँस भी खाते हैं। ये सूअर और मुर्गी पालते हैं और उनका माँस व अण्डे भी प्रयोग करते हैं। 

थारुओ द्वारा बजहर नामक त्यौहार मनाया जाता है दीपावली को ये शोक पर्व के रूप में मनाते है , थारू जनजाति द्वारा होली के मौके पर खिचड़ी नृत्य किया जाता है 

थारू जनजाती के लोगो में बदला विवाह प्रथा तथा तीन टिकठी विवाह प्रथा प्रचलित है , थारुओ में दोनों पक्षो से विवाह तय हो जाने को पक्की पोड़ी कहा जाता है

उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर 1980 को थारू विकास परियोजना का प्रारंभ किया गया 


2-बुक्सा जनजाति (Buksa Tribe)-

बुक्सा अथवा भोक्सा जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में छोटी-छोटी ग्रामीण बस्तियों में निवास करती है।

बुक्सा जनजाति के लोगों का कद और आँखें छोटी होती हैं। उनकी पलकें भारी, चेहरा चौड़ा एवं नाक चपटी होती है। कुल मिलाकर इनका सम्पूर्ण चेहरा ही चौड़ा दिखाई देता है। जबड़े मोटे और निकले हुए तथा दाढ़ी और मूंछे धनी और बड़ी होती हैं।

बुक्सा लोग प्रमुख रूप से हिन्दी भाषा बोलते हैं। इनमें जो लोग लिखना-पढ़ना जानते हैं वे देवनागरी लिपि का प्रयोग करते हैं।

इनका मुख्य भोजन मछली व चावल है। इसके अलावा ये लोग मक्का व गेहूँ की रोटी और दूध-दही का प्रयोग करते हैं। इन लोगों में बन्दर, गाय और मोर का माँस खाना वर्जित होता हैं।

बुक्सा पुरुषों की वेशभूषा में धोती, कुर्ता, सदरी और सिर पर पगड़ी धारण करते हैं। नगरों में रहने वाले पुरुष गाँधी टोपी, कोट, ढीली पेन्ट और चमड़े के जूते, चप्पल आदि पहनते हैं। स्त्रियाँ पहले गहरे लाल, नीले या काले रंग की छींट का ढीला लहंगा पहनती थीं और चोली (अंगिया) के साथ ओढ़नी (चुनरी) सिर पर पहनती थीं, लेकिन अब स्त्रियों में साड़ी, ब्लाउज, स्वेटर एवं कार्कीगन का प्रचलन सामान्य हो गया है।

उत्तर प्रदेश में बुक्सा जनजाति विकास परियोजना 1983-84 में प्रारंभ की गयी।


3-जौनसारी जनजाति-

जौनसारी समुदाय के मुख्य त्यौहार बिस्सू (बैसाखी) , पंचाई (दशहरा), दियाई (दिवाली), नुणाई , अठोई आदि है ये दीपावली को एक माह बाद मनाते है

हारुल, रासों, घुमसू , झेला, धीई, तांदी, मरोज , पौणाई आदि इनके प्रमुख्य नृत्य है 


4-माहीगीर जनजाति (Mahigeer Tribal)-

माहीगीर आदिवासी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद क्षेत्र में निवास करते हैं।

माहीगीर जनजाति मछुआरे हैं तथा उन्हीं से अपना सम्बन्ध बताते हैं।

इस जनजाति के लोगों ने इस्लाम धर्म को अपना लिया है।

माहीगीर जनजाति अपने ही समुदाय में विवाह करती है।

इस जनजाति का मख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है। 

इस जनजाति में शिक्षा का काफी अभाव है।


5-खरवार जनजाति (Kharwar Tribe)

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में खरवार जनजाति निवास करती है। इनका मूल क्षेत्र बिहार का पलामू और अठारह हजारी क्षेत्र है। 

खरवार जाति के लोग साधारणतः टेहुन तक धोती, बंडी एवं सिर पर पगड़ी पहनते हैं तथा स्त्रियाँ साड़ी पहनती हैं। इनके आभूषणों में हैकल, हँसुली, बाजूबन्द, कड़ा, नथिनी, बरेखा, गुरिया या नँगा की माला आदि मुख्य हैं।

खरवार जनजाति मुख्यतः हिन्दू धर्म के रीति रिवाजों का पालन करती है।

खरवार जनजाति के लोग माँसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार के होते हैं।


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उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली आदिवासी जनजातियों की तालिका

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अंग्रेज़ी--------- हिंदी -----------अधिवास


1-BHOTIYA भोटिया 

2-BUKSA--बुक्सा 

3-JAUNSARI जौनसारी 

4-RAJI राजी 

5-THARU थारू 

6-GOND गोंड वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र, महराजगंज,

सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया,

मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया,

गाजीपुर जनपदों में।

7-KHARWAR, KHAIRWAR खारवाड़, खैरवाड़ वाराणसी, देवरिया, बलिया, गाजीपुर, और

सोनभद्र जनपदों में।

8-PARAHIYA पहरिया सोनभद्र जनपद में।

9-BAIGA बैगा सोनभद्र जनपद में।

10-PANKHA, PANIKA पंखा, पानिका सोनभद्र और मिर्जापुर जनपदों में।

11-AGARIYA अगरिया सोनभद्र जनपद में।

12-PATARI पटारी सोनभद्र जनपद में।

13-CHERO चेरो सोनभद्र और वाराणसी जनपदों में।

14-BHUIYA, BHUNIYA भुइया, भुनिया सोनभद्र जनपद में।


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उत्तर प्रदेश निम्न क्षेत्रों में प्रथम स्थान रखता है:

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कुल पशुधन

दुग्ध उत्पादन

आम उत्पादन

आंवला उत्पादन

कुल सिंचित क्षेत्र

कुल नलकुप सिंचित क्षेत्र

कुल नहर सिंचित क्षेत्र

जनसँख्या

बैंक शाखाएं

डाकघर

समाचार पत्र

खाद्द्यान

गेहू

गन्ना

आलू

मसूर

हल्दी

पिपरमिंट

कांच की बालू

डायस्पोर

रेलमार्ग (कुल लम्बाई)

राष्ट्रीय राजमार्ग (कुल लम्बाई)


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उत्तर प्रदेश के प्रमुख शोध संस्थान 

Research Institute in Uttar Pradesh

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 उत्तर प्रदेश के प्रमुख शोध संस्थान निम्नलिखित हैं:


1-सेंट्रल पल्प एवं पेपर रिसर्च इंस्टिट्यूट – सहारनपुर

2-सेंट्रल आलू रिसर्च स्टेशन – मेरठ

3-केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान – मथुरा

4-केंद्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसंधान व प्रसार केंद्र – खुर्जा

5-नेशनल अकेडमी ऑफ़ स्टेटिस्टिकल एडमिनिस्ट्रेशन – GB नगर

6-सेंट्रल लेप्रोसी इंस्टिट्यूट – आगरा

7-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान – कानपुर

8-सेंट्रल टेक्सटाइल इंस्टिट्यूट – कानपुर

9-राष्ट्रीय चीनी अनुसंधान संस्थान – कानपुर

10-भारतीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान – कानपुर

11-जे के कैंसर संस्थान – कानपुर

12-नेशनल बायो फ़र्टिलाइज़र डेवलपमेंट सेण्टर – गाज़ियाबाद

13-कपडा रिसर्च इंस्टिट्यूट – गाज़ियाबाद

14-भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान – इज्जतनगर (बरेली)

15-केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान – इज्जतनगर (बरेली)

16-नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी – रायबरेली

17-पान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र – महोबा

18-भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान केंद्र – झांसी

19-भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान – भदोही

20-केंद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान – इलाहबाद

21-हरिश्चंद्र अनुसंधान संस्थान – इलाहाबाद

22-भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान – इलाहाबाद

23-भारतीय हथकरघा तकनीकी संस्थान – वाराणसी

24-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैंडलूम टेक्नोलॉजी – वाराणसी

25-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च – वाराणसी

26-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ शुगरकेन रिसर्च – लखनऊ

27-भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान – लखनऊ

28-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान – लखनऊ

29-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान – लखनऊ

30-बीरबल साहनी इंस्टीटुए ऑफ़ पैलियोबॉटनी – लखनऊ

31-इंडियन टेक्नोलॉजिकल रिसर्च सेंटर – लखनऊ

32-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान – लखनऊ

33-उ० प्र० कृषि अनुसंधान परिषद् – लखनऊ

34-अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन – लखनऊ

35-राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र – झांसी

36-वी० वी० गिरी नेशनल लेबर इंस्टिट्यूट – नॉएडा

37-राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसंधानशाला – लखनऊ

38-न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान – लखनऊ

39-गोविंदा बल्लभ पंत सामजिक विज्ञान संस्थान – इलाहाबाद

40-राष्ट्रीय उद्धमिता एवं लघु उद्योग विकास संस्थान – नॉएडा

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